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पाठ्यपुस्तकों से सावरकर का नाम हटाने से नाराज़ हुए गडकरी, बोले पीएम मोदी को पसंद नही

कर्नाटक सरकार ने हाल ही में पाठ्यपुस्तकों से आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार और वीडी सावरकर पर आधारित चैप्टर्स को हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसको लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा थी कि ये बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि डॉ. हेडगेवार और वीडी सावरकर के चैप्टर्स को हटाया जा रहा है। अब कांग्रेस ने गडकरी पर पलटवार किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता गडकरी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह उन्हें पसंद नहीं करते हैं। हम उस विचारधारा को कैसे आगे बढ़ाए जिसे लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पांच दिन पहले कहा था कि महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे भारत के सपूत थे। क्या हम उस विचारधारा को आगे बढ़ाएं, जिसमें अंग्रेजों से 60 रुपये पेंशन लेकर स्वतंत्रता सेनानियों की मुखबरी की गई थी।
उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि भारत और कर्नाटक के छात्रों को केबी हेडगेवार और वीडी सावरकर की विचारधारा की बजाय भीमराव आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी की विचारधारा के बारे में पढ़ना चाहिए।

दरअसल, नितिन गडकरी शनिवार को नागपुर में वीडी सावरकर पर आधारिक एक किताब के विमोचन के मौके पर संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि ये बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्कूल के पाठ्यक्रम से डॉ. हेडगेवार और वीर सावरकर से जुड़े अध्यायों को हटा दिया गया है। इससे ज्यादा पीड़ादायक और कुछ नहीं हो सकता। सावरकर एक समाज सुधारक थे और वो हमारे लिए आदर्श हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि डॉ. हेडगेवार और सावरकर के अध्याय को स्कूली पाठ्यक्रम से हटाया जा रहा है और इससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं है।

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