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जीएसटी वृद्धि से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग पर एफडीआई में गिरावट, नौकरी कटौती और कंपनी बंद होने की चुनौती: EY और USISPF रिपोर्ट

नई दिल्ली: हाल ही में जीएसटी बढ़ोतरी से पे-टू-प्ले ऑनलाइन स्किल गेमिंग उद्योग पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। EY और USISPF द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी में संशोधन कर डिपॉजिट पर 28% लेवी लगाने के बाद, यह क्षेत्र अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है। अध्ययन में बताया गया है कि अत्यधिक टैक्स की वजह से फंडिंग की कमी, कंपनियों की विकास दर में गिरावट, नौकरियों में कटौती और बढ़ती अनिश्चितता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

मुख्य बिंदु:

1. एफडीआई में गिरावट: 1 अक्टूबर 2023 के बाद से ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में कोई नया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नहीं आया है। जबकि 2019 से इस क्षेत्र में 2.6 बिलियन डॉलर का एफडीआई निवेश हुआ था।

2. नौकरियों पर प्रभाव: कई कंपनियों ने भर्ती में कमी, छंटनी और परिचालन बंद होने के कारण नौकरियों पर असर होने की बात कही है।

3. छोटे खिलाड़ियों पर प्रभाव: छोटे खिलाड़ी पूल वाले कैजुअल गेम्स और रियल-टाइम गेमिंग फॉर्मेट पर सबसे बुरा असर पड़ा है।

वित्तीय प्रभाव:

– रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2023 से “फंडिंग विंटर” की स्थिति बनी हुई है, जिससे निवेश में कमी आई है। 90% एफडीआई पे-टू-प्ले फॉर्मेट सेगमेंट में निवेशित था।
– जीएसटी लागत में वृद्धि के कारण 33% कंपनियों के राजस्व का 50-100% हिस्सा जीएसटी में जा रहा है, जबकि कुछ स्टार्टअप्स के लिए यह उनके कुल राजस्व को भी पार कर गया है, जिससे वे घाटे में काम करने के लिए मजबूर हो गए हैं।

उद्योग की चुनौतियाँ:

– नौकरी कटौती और भर्ती में कमी: जीएसटी में वृद्धि के कारण मार्जिन कम हुआ है, जिससे कर्मचारियों की छंटनी की गई है और नई नियुक्तियां पूरी तरह से रुक गई हैं।
– उद्यमों पर असर: आधे से अधिक उद्यम स्थिर या घटते राजस्व की स्थिति का सामना कर रहे हैं, जबकि 25% में 50% तक की वृद्धि में गिरावट देखी जा रही है।

भविष्य की संभावनाएँ:

– कई कंपनियां उच्च टैक्‍स दरों के कारण बाहर निकलने की रणनीतियों पर विचार कर रही हैं। 17% कंपनियां इक्विटी घाटे के कारण खरीदारों की तलाश कर रही हैं, और अन्य 17% मुनाफे से घाटे की स्थिति में चली गई हैं।

वैश्विक तुलना और समाधान:

– रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ऑनलाइन स्किल गेमिंग के लिए सबसे अधिक टैक्‍स का भुगतान करना होता है। अधिकांश देशों में वास्तविक राजस्व पर टैक्स लिया जाता है, जबकि भारत में डिपॉजिट पर 28% टैक्स लगाया जा रहा है।
– EY इंडिया के टैक्स पार्टनर बिपिन सप्रा ने कहा कि ग्रॉस गेमिंग राजस्व या प्लेटफॉर्म फी पर टैक्‍स लगाने से उद्योग की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और राजस्व नुकसान को रोका जा सकेगा।
– USISPF के प्रेसिडेंट और सीईओ डॉ. मुकेश अघी ने कहा कि भारत को ऑनलाइन गेमिंग टैक्सेशन और रेग्युलेशन के लिए गेम ऑफ स्किल और गेम ऑफ चांस के बीच स्पष्ट अंतर करना चाहिए।

अत्यधिक टैक्स के खिलाफ वैश्विक इनडायरेक्ट टैक्सेशन की व्यवस्था और उद्योग की आम सहमति को ध्यान में रखते हुए, जीएसटी परिषद से पे-टू-प्ले ऑनलाइन स्किल गेम्स पर टैक्स कम करने की मांग की जा रही है। टैक्स में कटौती से भारतीय स्टार्टअप्स के विकास में मदद मिलेगी और उपभोक्ताओं को ऑफशोर प्लेटफॉर्म की ओर जाने से रोका जा सकेगा।

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