Madhya Pradesh

11 कुख्यात ड्रग तस्करों को PIT N.D.P.S ACT के तहत भेजा जेल

 भो

पाल । सरकार मादक पदार्थों के उत्पादन, व्यवसाय और तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। इससे जुड़े लोगों को निर्णय से पहले फिक्र में डालने से रोका जा सकता है और वे समाज में सकारात्मक रूप से योगदान देने के लिए उपलब्ध हो सकते हैं।

इस कार्रवाई के माध्यम से सरकार एक संदेश भी दे रही है कि वह मादक पदार्थों के उत्पादन और तस्करी के विरुद्ध सख्त खिलाफी करेगी और उन लोगों के साथ नहीं होगी जो इस अवैध व्यवसाय में शामिल होते हैं।

इस अभियान से समाज में सकारात्मक बदलाव भी आ सकता है, क्योंकि लोग देख सकते हैं कि सरकार इस समस्या का समाधान करने के लिए जुटी हुई है। साथ ही, लोग अपने स्वास्थ्य और वेतन के लिए मादक पदार्थों से दूर रहने की जागरूकता भी प्राप्त कर सकते हैं।

मादक पदार्थों के उत्पादन, व्यवसाय एवं तस्करी में लगातार सक्रिय रहने वालों की अब खैर नहीं है। ड्रग्स तस्कर एवं उनके सिंडिकेट के नेटवर्क को तोड़ने के लिये व्यापक कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री महोदय के आदेश उपरांत अभी तक मंदसौर, नीमच एवं उज्जैन द्वारा PIT N.D.P.S ACT के अंतर्गत 11 मादक पदार्थ के तस्करों को केन्द्रीय जेल में निरूद्ध किया गया है।

 उज्जैन से कालू, चीलम, जुबेर मंदसौर से शानू लाला, जाउद्दीन, खानशेर और आसिफ लाला तथा नीमच से गोपाल, मुमताज, रहीस एवं हुसैन को इंदौर सेंट्रल जेल में लम्बे समय के निरूद्ध किया गया है। इन तस्करों के सम्पर्क अन्य राज्यों में भी पाये गये हैं। इनके अवैध सम्पत्ति की भी जानकारी भी एकत्र की जा रही है ताकि इनके अवैध गतिविधियों पर सदा के लिये अंकुश लगाया जा सके।

स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ, अवैध व्यापार अधिनिय 1988 (Prevention of Illicit Traffic in Narcotic Drugs and Psychotropic Substancec Act 1988) की कार्यवाही ऐसे आदतन एवं शातिर माफिया / तस्कर के विरुद्ध की जाती है जो अवैध मादक पदार्थ की तस्करी कर समाज के नवयुवकों व आम जनता को नशे के लिये प्रेरित करते हैं। जिस के कारण क्षेत्र की सामाजिक व्यवस्था प्रभावित होती है। 

माफिया निरंतर सक्रिय होकर मादक पदार्थों का परिवहन तस्करी एवं विक्रय करता है तथा भविष्य में भी माफिया मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त रहने की पूरी संभावना रखता है। ऐसी स्थिति में PIT N.D.P.S ACT के तहत् पुलिस द्वारा PIT N.D.P.S ACT की धारा 3(1) के तहत निहित शक्तियों के आधार पर माफिया / तस्कर को जेल में निरुद्ध किया जाता है।

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