Madhya Pradesh

आयुर्वेदिक ईलाज के नाम पर 42 धोखाधड़ी करने वाला आरोपी जोधपुर से गिरफ्तार

 गैंग के दो सदस्य वैद्य व सहायक बनकर इलाज करने जाते थे घर


भोपाल । थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच अनूप कुमार उईके को आवेदक राकेश मोहन विरमानी ने आवेदन पत्र में राजीव, डॉ आर पटेल, संजीवनी आयुर्वेदिक भंडार अन्य एक लड़का के द्वारा ईलाज के नाम पर 44 लाख रु की धोखाधड़ी करने के संबंध में दिया था। शिकायत की जाँच में आरोपियों द्वारा षड़यंत्र पूर्वक छल करना पाया जाने पर धारा 420 भादवि का अपराध पाया जाने से पंजीबद्ध कर आरोपीगणों की तलाश की जा रही थी ।  आरोपियों को पकड़ने एक दल का गठन किया गया दल के द्वारा जोधपुर राजस्थान पहुचकर खाता धारक आरोपी सावर लाल जाट ब्लू सिटी मॉल के सामने थाना रातानाडा जिला जोधपुर से पकड़ लिया गया। उसका नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम सावर लाल जाट पिता हनुमान सहाय उम्र 27 साल निवासी वार्ड न. 14 ढाणी पीपली नायन थाना आमरसर जिला जयपुर हाल न.न. 73 बी कालोनी प्यारेलाल का किराये का मकान थाना रातानाडा जोधपुर बताया बाद आरोपी से पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा जुर्म करना स्वीकार किया । आरोपी के पास से दो चेक बुक आधार कार्ड एवं मोबाइल फोन बरामद किये ।

 आरोपी ने पूछताछ पर बताया कि उनका गैंग है जिसमे करीब 6-7 लोग है । वह तथा उसके दो-तीन साथी जोधपुर में रहते है । शेष सदस्य भोपाल आकर आउटर क्षेत्र में निवास करते है तथा दिन एवं शाम के समय बड़े होटल एवं रेस्टोरेंट के पास जाकर बुजुर्ग एवं ऐसी महिलाये जिनको चलने में दिक्कत होती है ।  उन्हें टारगेट करके उनके पास जाकर – उन्हें बोलते थे मेरी माँ को भी पैरों में तकलीफ थी जिसका इलाज मैने वैद्य से कराया है जिससे काफी आराम है चूकि महिलाये बीमारी से काफी परेशान रहती थी जिस कारण उस व्यक्ति से वैद्य के बारे में पूछने पर उनके द्वारा अपने ही साथी का नंबर दे दिया जाता था जो अगले दिन वैद्य बनकर अपने एक साथी को सहयोगी बनाकर पीड़ित के घर पहुचे और बताया कि इनके पैर जहर फैल गया है जिसे यंत्र के माध्यम से बाहर निकालना पड़ेगा लगभग 300-400 जगह से यह प्रक्रिया करनी पड़ेगी । एक बार का चार्ज 6,000/- रुपये बताया । जिसके बाद गैंग का सदस्य जो वैद्य बनकर आया था उसने पीड़ित महिला के पैरो में फनलनुमा यंत्र के माध्यम से मवाद जैसी चीज निकाला जो सफेद द्रव्य पदार्थ जैसा दिख रहा था उसे जहर बताया । इस तरह उनके द्वारा लगभग 400 बार यह प्रक्रिया करायी गई जिसमे से कुछ पैसे पीड़ित के द्वारा घर पर दिये गये शेष पैसे 21 लाख रुपये अपने बैंक से वैद्य के सहायक को ले जाकर बैंक से गैंग के सदस्यों के खातों में आरटीजीएस किये गये । 

 गैंग के वैद्य के द्वारा आयुर्वेदिक दवाओं के लिये पीड़ित को संजीवनी आयुर्वेदिक भंडार  नई दिल्ली का पता दिया गया एवं दवा कोरियर के माध्यम से मंगाने हेतु बताया गया आरोपी द्वारा जो नंबर संजीवनी आयुर्वेद भंडार का बताया गया था वह राजस्थान का था जिस पर काल करने पर भी गैंग के सदस्यों द्वारा नकली दवायें पीड़ित को राजस्थान से कोरियर  की गई जिसके बदले में लगभग 10 लाख रुपये खातों में जमा करवाये गये है । इस तरह गैंग के सदस्य के द्वारा इलाज के नाम पर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया गया । 

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