Madhya Pradesh

कर्मचारियों को आंध्रा मॉडल पेंशन मंजूर नहीं, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दर्ज कराई आपत्ती

Bhopal : मध्य प्रदेश सरकार अपने एनपीएस धारक कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम के स्थान पर आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई सिक्योरिटी पेंशन स्कीम को अध्ययन कर रही है। हालांकि, मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को इस स्कीम की मंजूरी नहीं है और वे पुरानी पेंशन योजना की मांग करते हैं। मध्य प्रदेश के कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस संबंध में पत्र लिखकर अवगत कराया है।

एनपीएस और एसपीएस समानता
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि भारत सरकार द्वारा लागू की गई एनपीएस न्यू पेंशन स्कीम एवं आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा एनपीएस के स्थान पर लागू की गई एसपीएस सिक्योरिटी पेंशन स्कीम में कोई ज्यादा अंतर नहीं है एनपीएस कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रूप पर भारी नुकसान पहुंचा रही है और एसपीएस कर्मचारियों को अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचाएगी दोनों ही योजना एनपीएस धारक कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी छीन लेती हैं केंद्र सरकार की एनपीएस और आंध्र प्रदेश सरकार की एसपीएस योजना मैं मात्र इतना अंतर है कि केंद्र सरकार की एनपीएस योजना में सेवानिवृत्त होने के बाद कर्मचारी को पेंशन मिलने की कोई गारंटी नहीं है और आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई ।
एनपीएस और एसपीएस समानता
एसपीएस सिक्योरिटी पेंशन स्कीम में सेवानिवृत्त होने के बाद कर्मचारी को न्यूनतम पेंशन गारंटीड होती है। इसके अलावा, एसपीएस सिक्योरिटी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को न्यूनतम मासिक पेंशन के अलावा अतिरिक्त मासिक पेंशन भी मिलता है, जो उनके सेवा की अवधि, आयु और पेंशन योग्यता के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
इसलिए, एनपीएस और एसपीएस योजनाओं में कुछ अंतर होता है, लेकिन यह सही नहीं है कि एनपीएस कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रूप से भारी नुकसान पहुंचा रही है और एसपीएस कर्मचारियों को अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचाएगी। कर्मचारियों को योजनाओं के बीच उनकी आवश्यकताओं और अधिकारों को ध्यान में रखते हुए एक उचित अध्ययन करना चाहिए।
एसपीएस और ओ पी एस दोनों ही भविष्य के लिए निवेश करने वाले कर्मचारियों के लिए पेंशन योजनाएं हैं, लेकिन इन दोनों में कुछ अंतर होता है। एसपीएस योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती है जबकि ओ पी एस योजना राज्य सरकार द्वारा चलाई जाती है।
एसपीएस योजना में कर्मचारियों को पेंशन के लिए अंतिम वेतन का 30% दिया जाता है, जबकि ओ पी एस योजना में पेंशन की राशि कर्मचारी द्वारा निर्धारित डेली वेज से निर्धारित की जाती है।
दोनों ही योजनाओं के अंतर समझने के बाद, मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच और प्रदेश के कर्मचारियों की मांग ओ पी एस योजना के लागू होने की है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मांग की है।
आपके द्वारा बताए गए तथ्यों के आधार पर, यह समझना मुश्किल होता है कि क्या वह समझौता या निर्णय उपलब्ध है या नहीं।  

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