Madhya Pradesh

भोपाल: ख्याति प्राप्त कथावाचक देवकीनंदन जी ठाकुर 2 अप्रैल को भोपाल में

Bhopal : भारत की गौरवमयी सांस्कृतिक परंपरा के ध्वजवाहक श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के मुखारविंद से राजधानी के टीटी नगर दशहरा मैदान में 2 से 8 अप्रैल तक श्रीमद् भागवत कथा की जाएगी। भारत की सनातन संस्कृति एवं युवाओं के उत्थान के लिए श्री ठाकुर जी द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं जैसे कि तुलसी की कंठीमाला, हाथ में कलावा आदि के माध्यम से युवाओं एवं परिवारों में सभी सदस्यों के प्रेरक बने हुए हैं, श्री ठाकुर जी महाराज आज देश में अनेक कथाकारों के प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं। श्री ठाकुर जी महाराज दो दर्जन से अधिक देशों में अपनी ओजस्वी वाणी से कथा कर चुके हैं, आगामी मई 2023 में पुनः विदेश में कथा वाचन हेतु जा रहे हैं, महाराज जी ने वृन्दावन में प्रियकांत जू मंदिर की स्थापना 2016 में की हैं, जो कि वृन्दावन के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक हैं। श्री महाराज जी द्वारा 125 अनाथ बच्चियों का विवाह कराया गया हैं एवं उनकी पढाई का खर्च भी उठाया जा रहा हैं गौमाता की सेवा, अनाथ अश्राम एवं वृधाश्राम के माध्यम से श्री महाराज जी लगातार सेवा कार्य में सतत लगे हुए है। 

 
श्रीमद् भागवत कथा आयोजन के संयोजक प्रदेश भाजपा के मंत्री राहुल कोठारी ने मंगलवार को पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि श्री ठाकुर पुराण, श्रीमद् भागवत और गीता के अध्येता है साथ ही कथावाचक, गायक और आध्यात्मिक गुरु हैं।
 वर्ष 1997 से महाराज श्री श्रीमद भागवत कथा, श्री राम कथा, देवी भागवत, शिव पुराण कथा, भगवत गीता इत्यादि पर प्रवचन देते आ रहे हैं। वर्ष 2015 में इन्हें “यूपी रतन” पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। देवकीनंदन ठाकुर महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा के ओहावा गाँव में 12 सितम्बर 1978 को हुआ। मात्र 6 साल की उम्र में घर छोड़कर वृंदावन पहुंच गये और ब्रज की रासलीला में हिस्सा ले लिया। तभी से वह भारतीय संस्कृति, धर्म और आध्यात्मिक परंपराओं का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। 
देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने अंग्रेजी शिक्षा में ग्रेजुएट कंप्लीट किया हुआ है इसके अलावा आपने सनातन संस्कृति से जुड़े हुए सभी प्रकार के धर्म ग्रंथों का अध्ययन किया हुआ है। इन्हें वैदिक तथा आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त है तथा मात्र 13 वर्ष की आयु में श्रीमद्भागवत पुराण को कंठस्थ कर लिया था।  
देवकीनंदन ठाकुर महाराज के गुरु आचार्य पुरुषोत्तम शरण शास्त्री जी ने इनका नाम देवकीनंदन ठाकुर महाराज रखा तथा उनकी प्रतिभा, बोलने की कला के कारण इन्हें कथा के वाचन का कार्य सौंपा गया। 
*कथा के विशाल आयोजन हेतु तैयारियां प्रारम्भ हो चुकी हैं भूमि पूजन संपंन हो चुका हैं। 
*प्रशासन के साथ स्थल निरिक्षण जल्द किया जायेगा।
*भोपाल के समस्त मंदिरों में बैनर, पम्पलेट लगवाये जा रहे हैं।
*समस्त समाजिक एवं धार्मिक संगठनों के साथ जल्द बैठक की जाएगी।
*आयोध्या में श्री रामलला का भव्य मंदिर तैयार होने वाला हैं इसलिए कथा स्थल पर आपको *उसकी सुन्दर प्रतिकृति देखने को मिलेगी।
*कथा स्थल पर लाड़ली बहना योजना के फार्म भरवाने की व्यवस्था रहेगी।
*कथा का आयोजक श्री विश्व शांति सेवा समिति हैं।

Related Articles