Madhya Pradesh

कर्मचारी मंच ने किया प्रदर्शन, मुख्यमंत्री को 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा

 

भोपाल। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के नेतृत्व में आज तृतीय श्रेणी , चतुर्थ श्रेणी स्थाई कर्मी दैनिक वेतन भोगी, अंशकालीन कर्मचारियों ने आज अपनी 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में 12 दफ्तर प्रांगण जवाहर चौक भोपाल में प्रभावी प्रदर्शन किया तथा मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन भोपाल को 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा प्रदर्शन में शासकीय अधृ शासकीय विभाग के पांचो संवर्ग के कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए प्रदर्शन में प्रमुख रूप से अशोक पांडे सुनील पाठक श्याम बिहारी सिंह शिवप्रसाद सांगुले सत्येंद्र पांडे भगवानदास बिल्लोरे प्रीतम मेहर भूपेंद्र पांडे श्याम लाल विश्वकर्मा मिश्री लाल मालवीय देवराज विश्वकर्मा अरुण लोधी भानु प्रताप सिंह थावरिया भील रामबाबू सोनी चांद सिंह चंदा संतुरे सुनीता चौहान आदि सैकड़ों कर्मचारी शामिल थे।

मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि कर्मचारियों की प्रमुख 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन पूर्व में दो बार 9 अप्रैल एवं 21 मई 2023 को राज्य सरकार को कर्मचारियों ने कर्मचारी मंच के नेतृत्व में रैली निकालकर तथा धरना देकर सौंपा था लेकिन सरकार ने मांगों पर कोई निर्णय कर्मचारी हित में नहीं लिया है जिस कारण कर्मचारी मंच ने निर्णय लिया है कि जब तक 10 सूत्रीय मांगों का निराकरण राज सरकार के मुख्यमंत्री नहीं कर देंगे तब तक हर सातवें दिन कर्मचारी मंच के नेतृत्व में पांचों संवर्ग के कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में भोपाल राजधानी में सरकार के प्रमुख कार्यालय पर आंदोलन प्रदर्शन करेंगे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगे क्योंकि सरकार के समक्ष कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने वृत्ति कर समाप्त करने स्थाई कर्मियों को सातवां वेतनमान का लाभ देने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने अंशकालीन कर्मचारियों वन सुरक्षा श्रमिकों को कलेक्टर दर का वेतन देने अनियमित कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ देने वन कर्मचारियों को शहीद का दर्जा एवं बंदूक चलाने का लाइसेंस देने आदि मांगे प्रमुखता से रखी है जो न्यायोचित एवं संवैधानिक है लेकिन सरकार मांगों को संज्ञान में नहीं ले रही है उपेक्षा कर रही है इसलिए कर्मचारी मंच के नेतृत्व में कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं।

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