करोड़ो की आसामी निकली 30 हजार की सैलरी पाने वाली एमपी पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन की महिला इंजीनियर
Police housing engineer Hema Meena |
30 लाख की एलईडी, रोटी बनाने वाली ढाई लाख की मशीन, विदेशी नस्ल के डॉग्स, कई प्रापर्टी के कागजात, लग्जरी कारें मिली
– बंगले के कर्मचारियो से बात करने के लिये करती थी वॉकी-टॉकी का प्रयोग
भोपाल। लोकायुक्त भोपाल की टीम ने मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन में पदस्थ एक महिला सहायक इंजीनियर हेमा मीणा के बिलखिरिया में स्थित तीन ठिकानों पर गुरुवार अलसुबह छह बजे छापामार कार्यवाही की है। यह कार्यवाही आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई है। जॉच के दौरान टीम को कई प्रापर्टी के कागजात मिले हैं, यह संपत्ति उसने अपने पिता और अन्य लोगो के नाम पर ली है। शुरूआती जांच मे 7 करोड़ की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है। जबकि उन्हें करीब तीस हजार रुपये सैलरी मिल रही थी। लोकायुक्त एसपी मनु प्यास के अनुसार हेमा मीणा प्रभारी सहायक यंत्री (संविदा) मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन भोपाल के खिलाफ साल 2020 में आय से अधिक संपत्ति अर्जित किये जाने संबंधी शिकायत मिलने पर लोकायुक्त कार्यालय में जांच प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। विशेष पुलिस स्थापना भोपाल संभाग भोपाल द्वारा की गई जांच में सामने आया कि हेमा मीणा द्वारा अपने पिता रामस्वरूप मीणा के नाम पर ग्राम बिलखिरिया भोपाल में दो हजार वर्ग फीट जमीन खरीद कर उस पर करीब एक करोड़ कीमत का आलीशान बंगला बनाया गया है। इसके साथ ही भोपाल, रायसेन और विदिशा के कई गांव में भी कृषि जमीन खरीदी है। हेमा मीणा द्वारा हार्वेस्टर, धान बुवाई मशीन, ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि उपकरण क्रय किए गए हैं। उनके खर्चे उन्हें होने वाली आय से दो सौ बत्तीस प्रतिशत अधिक होना पाया गया। जॉच के आधार पर हेमा मीणा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया तथा विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम भोपाल से सर्च वारंट प्राप्त कर भोपाल के बिलखिरिया स्थित आवास, फार्म हाउस समेत तीन ठिकानों पर सुबह 6 बजे रेड मारी गई। लोकायुक्त एसपी मनु व्यास ने बताया कि गुरुवार सुबह 6 बजे टीम हेमा के बिलखिरिया स्थित बंगले पर पहुंची। कर्मचारियों के रोकने पर टीम ने बताया कि वह पशु विभाग से हैं, और सोलर पैनल चेक करना है। इसके बाद कर्मचारियों ने टीम को बंगले में जाने दिया। बंगले के अंदर हेमा मिली, टीम ने उसे परिचय देते हुए जांच शुरु की। लोकायुक्त टीम के अलावा राजस्व, पशुपालन की 50 लोगों की टीम जांच कर रही है। यह कार्रवाई लोकायुक्त एसपी मनु व्यास के मार्गदर्शन में डीएसपी संजय शुक्ला के निर्देशन में की जा रही है। खबर लिखे जाने तक की गई कार्यवाही में सामने आया कि मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में प्रभारी सहायक यंत्री (संविदा) हेमा मीणा लग्जरी लाइफ की शौकीन है। उनके फार्म हाउस पर करीब 100 देसी-विदेशी ब्रीड के डॉग्स पले हुए हैं। इनके लिए रोटी बनाने के लिए ढाई लाख की मशीन भी मिली है। वहीं दर्जन भर से अधिक लग्जरी कार खड़ी मिलीं। प्रभारी सहायक यंत्री (संविदा) हेमा मीणा ने घर में 30 लाख कीमत की एलईडी लगा रखी थी। वहीं अपने बंगले के कर्मचारियों से बात करने के लिए वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करती है, और इस बंगले में उन्होनें जैमर लगा रखा है।
केवल 13 साल की सर्विस में करोड़पति बन गई हेमा मीणा
हेमा मीणा मूल रुप से रायसेन जिले के चपना गांव की रहने वाली है। साल 2016 से वह पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में पदस्थ है। इससे पहले वह कोच्चि में पदस्थ रह चुकी है। वह करीब 13 साल से नौकरी में है। उसकी सैलरी के हिसाब से अधिकतम 15 से 18 लाख रुपए तक की संपत्ति होनी चाहिए, लेकिन शुरुआती जांच में ही उसके पास 7 करोड़ रुपए की संपत्ति मिल चुकी है। लोकायुक्त अफसरो का कहना है कि कार्यवाही के दौरान मिले बैंक, अन्य दस्तावेज, जेवरात की जांच और मूल्यांकन में दो दिन से अधिक का वक्त लग सकता है।