Madhya Pradesh

41 खाद्य प्रतिष्ठानों से अमानक पाए जाने पर 8.66 लाख का जुर्माना


भोपाल ।
मिलावट से मुक्ति” अभियान के अन्तर्गत कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशानुसार खाद सुरक्षा प्रशासन के द्वारा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की अवहेलना को रोकना और नियंत्रित करना है। इस अभियान के अंतर्गत, खाद में मिलावट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

खाद सुरक्षा प्रशासन अधिकारी (एसडीएम) कुल आठ लाख छियासठ हजार जुर्माना अधिरोपित करने के माध्यम से खाद में मिलावट के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। यह एक सकारात्मक कदम है जो खाद में मिलावट से जूझ रहे लोगों के हित में है।

इस अभियान से संबंधित निर्देशों को लागू करने के लिए न्याय निर्णायक अधिकारी (एडीएम) हरेन्द्र नारायण द्वारा 41 प्रकरणों में निर्णय पारित किए गए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि खाद सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 का पालन किया जाए और लोगों को मिलावट से मुक्त खाद मिलता है।

पारित निर्णयों में आनंद मावा भण्डार, मंगलवारा के मालिक सुमित जैन पर अवमानक मावा के विक्रय के आरोप में एक लाख रूपये, अजनार एग्रो फूड प्रोसेसिंग प्रा. लि. ब्यावरा के पार्टनर महेश कुमार दांगी के विरूद्ध अवमानक पनीर विक्रय करने के आरोप में पचास हजार काका इंटरप्राइजेस शिवनगर, भोपाल के मालिक नंदलाल टेकवानी के विरूद्ध खुले एवं अवमानक मसाले विक्रय करने के आरोप पचास हजार लालचंद ट्रेडर्स, घोड़ा नक्कास के मालिक गिरीश छावड़ा के विरूद्ध मिथ्याछाप मखाना एवं अवमानक काली मिर्च के विक्रय के आरोप में पचास हजार होटल अतिशय, एम.पी. नगर के मैनेजर संजीव मेहता के विरूद्ध अवमानक पनीर एवं काजू के उपयोग के आरोप में कुल सत्तर हजार रूपये, आदिनाथ ट्रेडर्स्, रायसेन रोड़ के मालिक विशाल जैन के विरूद्ध अवमानक सौंफ के विक्रय के आरोप में पचास हजार रूपये का जुर्माना शामिल है। संबंधित खाद्य कारोबार कर्ताओं द्वारा जुर्माना की अदायगी नहीं किये जाने की स्थिति में प्रतिष्ठान का लाइसेंस निरस्त कर खाद्य कारोबार बंद कराया जायेगा ।

आयुक्त, खाद्य सुरक्षा श्री सुदाम खाड़े के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा प्रशासन, भोपाल द्वारा अभियान के अन्तर्गत लिये गये नमूनों के अवमानक / मिथ्याछाप पाये जाने तथा प्रतिष्ठान का संचालन बिना खाद्य पंजीयन प्राप्त किये होना पाये जाने पर प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये गये थे । वर्तमान में प्रशासन द्वारा कार्यवाही जारी है तथा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत उल्लंघनों से संबंधित प्रकरण सक्षम न्यायालयों के समक्ष प्रस्तुत किये जा रहे हैं ।

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