सिंधिया कांग्रेस में वापस आए तो मैं करूंगा विरोध : दिग्विजय सिंह
कांग्रेस के महाराज भाजपा में जाकर हुए भाई साहब : दिग्विजय सिंह
अशोकनगर । हम तो हमेशा उनको महाराज कहकर संबोधित करते थे। भाजपा ने उनको महाराज से भाई साहब बना दिया। अब अगर वह बीजेपी छोडक़र फिर से कांग्रेस में आते हैं तो मैं उनका सीधा-सीधा विरोध करूंगा। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को प्रेसवार्ता के दौरान कही। वह कार्यकर्ताओं से मुलाकात और बैठक के लिए बुधवार की रात के समय अशोकनगर पहुंचे थे।
गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि अशोकनगर पहले गुना में हुआ करता था। तब से आना-जाना मेरा रहा। फिर सिंधिया जी के आने के बाद यहां से आना-जाना कम इसलिए हो गया क्योंकि उन्हें लगता था कि मैं दखलंदाजी करता हूँ। लेकिन अशोकनगर के लोगों का जो प्यार मिला, वह अमिट है। हमने अशोकनगर को जिला बनाया। ये भी एक किवदंती थी कि मुख्यमंत्री अगर अशोकनगर आता है, फिर वो वापस नहीं आता। अशोकनगर जिला बनने के बाद ये किवदंती भी समाप्त हो गयी। यहां के जो विधायक हैं, वो पिछड़ा वर्ग भी हैं, अनुसूचित जाति के भी है। अब यही तय नहीं कर पा रहे कि वो किस वर्ग के हैं। उसमें गलती कांग्रेस पार्टी की भी है, हम लोगों की भी है, कि सब जानते हुए भी उनको हम लोगों ने टिकट दिया। जिसकी वजह से यहां वो जीते, वो सौदा पट गया और पार्टी छोडक़र चले गए। अर्जुन सिंह जी और मैं संजय गांधी जी के समय स्व. माधवराव सिंधिया को कांग्रेस में लाये थे। और उनका कार्यकाल स्वर्णिम रहा। हमें ज्योतिरादित्य सिंधिया से बड़ी उम्मीदें थीं। और वे काफी मेहनत भी करते हैं। पर ये उम्मीद नहीं थी कि वे पार्टी छोडक़र धोखा देकर चले जायेंगे। क्या कारण हुआ? जो बाजार में खबरें आती हैं वो ये की बड़ा सौदा हुआ। ये जब हो रहा था, उसके पहले ही मैंने कह दिया था कि 25-50 करोड़ के ऑफर आ रहे हैं। लेकिन सिंधिया जी अपने लोगों को लेकर चले जायेंगे, ये उम्मीद नहीं थी। हो सकता है उनकी नाराजगी इसलिए हो क्योंकि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। लेकिन मुख्यमंत्री किसी भी संसदीय प्रणाली में बहुमत से बनता है। 114 में से केवल 17 लोग उनके साथ गए। 5 और बाद में जुड़ गए। तो जो स्पष्ट बहुमत कमलनाथ जी के पास था, उसे कैसे नजरअंदाज कर देते। जो भी उनके काम थे कमलनाथ जी ने किए। सिंधिया स्कूल की पूरी जमीन को एक रुपये में दान दी। जो पिछली सरकारें नहीं कर पायीं थी। उनके भी जमीनों के कई प्रकरण थे ग्वालियर में, उन्हें भी कमलनाथ जी ने संवेदनशीलता से उनका निराकरण किया। एक जगह उन्होंने बयान दिया था कि अतिथि शिक्षकों की अगर कार्यवाई नहीं हुई तो सडक़ पर आ जाएंगे। साथ में यह भी कहा था शिवराज सिंह चौहान के हाथ खून से रंगे हुए हैं मंदसौर में पुलिस फायरिंग के आधार पर। और उनके खून के धब्बे धुल नहीं पाएंगे। कांग्रेस छोडऩे के एक हफ्ते पहले उन्होंने करेरा में कर्जमाफी के प्रमाण पत्र बांटे। सरकार की प्रशंसा की। फिर क्यों छोडक़र चले गए। और क्या मिला? एक विभाग जिसके पास न एयरपोर्ट है, न हवाई जहाज है।
कांग्रेस पार्टी में जो सम्मान था वह उनको कही मिल नहीं सकता:
हम तो हमेशा उनको महाराज कहकर संबोधित करते थे। भाजपा ने उनको महाराज से भाई साहब बना दिया। जो मान सम्मान कांग्रेस पार्टी लीडरशिप देती थी वह उनको कही मिल नहीं सकता था। जो अधिकार बड़े बड़े नेताओं को नहीं था वह उन्हें था। फिर नाराजगी किसी बात की थी। वे आज तक नहीं बता पाए। अगर कोई योजनाओं के प्रति नाराजगी थी, तो उसका उल्लेख करें। आज तक वो नहीं बता पाए कि नाराजगी किस बात की थी, क्यों गए? स्व. माधवराव सिंधिया जी की जो वसीयत थी कांग्रेस की, उसको उन्होंने भुनाया। और भुना कर फिर चले गए। हार-जीत चुनाव में होती रहती है। लेकिन हार के बाद जीत भी होती है। सब्र करना चाहिए था उनको। मुझसे बातचीत होती रहती थी। मैं समझाता भी था कि आप उसमे हताश मत होइए। राजनीति में अवसर आते हैं। ऊपर-नीचे होता है, लेकिन अपनी बात पर कायम रहिए। खुद उन्होंने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। लेकिन ये न उनके लिए, न उनके परिवार के लिए अच्छा संकेत है। उनसे सिंधिया के वापस कांग्रेसी में आने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर वह वापस आना चाहेंगे तो कम से कम मैं तो विरोध करूंगा।
महिलाओं को मंच पर बैठाया:
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रेस वार्ता के बाद मुस्कान मैरिज गार्डन कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे। वहां पर उन्होंने कांग्रेस महिला कार्यकर्ता एवं वहां आई कुछ महिलाओं को उन्होंने मंच पर बैठा दिया। दोपहर के समय तेज धूप होने की वजह से वहां पर गर्मी पड़ रही थी। महिलाएं नीचे बैठी हुई थी इसी दौरान उन्होंने सभी महिलाओं को मंच पर बैठा दिया।