Madhya Pradesh

कोरोना काल में संघ की दी राशि किस खाते में हुई खर्च, मनी लांड्रिंग ACT के तहत प्रकरण दर्ज हो

 

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह

कोरोना काल में संघ ने किस खाते में धन खर्च किया है। ऐसे जांच प्रकरण जो संघ के वित्तीय संसाधनों के अवैध उपयोग की शक्ति के साथ जुड़े होंगे, मनी लॉन्ड्रिंग प्रतिबंध अधिनियम के तहत दर्ज किए जा सकते हैं।


मनी लॉन्ड्रिंग प्रतिबंध अधिनियम (Money Laundering Act) 2002 एक भारतीय कानून है जो अवैध धन से जुड़ी गतिविधियों को रोकने और ऐसे धन को ब्लैक मनी नेटवर्क के माध्यम से छिपाने वाले लोगों को सजा देने के लिए बनाया गया है।


भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शुजालपुर में एक स्थान में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर निशाना साधा है। उन्होंने आरएसएस से जुड़े 1,000 अयोग्य लोगों को नौकरी देने का आरोप लगाया है। यह आरोप पेसा कानून के तहत है, जो एक विशेष कानून है जो आदिवासी क्षेत्रों में भूमि के उपयोग और प्रबंधन पर नियंत्रण रखता है।

मुझे वास्तव में इस मामले के बारे में कुछ नहीं पता है, लेकिन अगर संघ द्वारा सात करोड़ रुपये की राशि दी गई है तो उन्होंने शायद एक अपूर्ण खाता खोला होगा, जिसका उपयोग अनाज बांटने और दवाओं की खरीद में किया जा सकता है। यहाँ यह देखने के लिए जरूरी होगा कि इस राशि का खर्च कौन और कैसे कर रहा है।

 कोरोना काल में संघ द्वारा दी गई सात करोड़ की दवा, अनाज बांटने की मदद के ट्वीट पर भी उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अपंजीकृत संस्था का कोई खाता नहीं होता, तो यह राशि किस खाते से खर्च हुई? मैंने इसका जवाब वित्त मंत्री से मांगा था, यह राशि काला धन है और इस मामले में मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज होना चाहिए।

 अकोदिया नाका शुजालपुर के लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह में दिग्विजय सिंह ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की सरकार में हर काम का मेनू कार्ड लगा है। गृह मंत्री के दफ्तर में रिवाल्वर लाइसेंस का रेट पहले 2 लाख रुपए था अब चुनाव पास आते ही रिवाल्वर का लाइसेंस लेने के लिए रेट 5 लाख कर दिए गए है।

मुख्यमंत्री के विश्राम गृह में दिग्विजय सिंह द्वारा भाजपा के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर लगाए गए आरोपों के संबंध में, यह एक गंभीर मुद्दा हो सकता है। हालांकि, इस आरोप की सत्यता और सटीकता का निर्धारण केवल जांच के बाद ही किया जा सकता है।

यह बात सही है कि रिवाल्वर लाइसेंस का रेट बढ़ाया जाना भाजपा सरकार के कामकाज को लेकर सवाल उठाता है। हालांकि, यह भी देखा जा सकता है कि क्या इसमें आरोप लगाना उचित है या नहीं।

सरकारें अक्सर अपनी नीतियों को बदलती रहती हैं और इसमें कुछ अधिक या कम प्रतिक्रिया मूल्य के अनुसार होती है। इसलिए, इस बात का पूर्ण निर्णय उन तथ्यों के आधार पर लिया जा सकता है जो इस मामले से संबंधित हैं।

 -चीन कर रहा भारत की जमीन पर कब्जा 

मोदी सरकार में महंगाई, बेरोजगारी बढऩे के साथ ही चीन द्वारा भारत की जमीन पर कब्जा करने पर कहा कि देश के रक्षा मंत्री और आर्मी चीफ ने चीन द्वारा भारत की जमीन पर कब्जा का विरोध करते हुए मोदी ने चीन को क्लीन चिट दी और कहा कि भारत की किसी जमीन पर कोई कब्जा नहीं हुआ है। यही चीन कह रहा था, मोदी जी ने भी कह दिया। -20 साल बाद याद क्यों आई लाडली बहना मध्यप्रदेश में सरकार द्वारा लाडली बहना योजना व महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि 20 साल बाद भाजपा को लाडली बहना क्यों याद आ रही है? उन्होंने कहा भाजपा झूठे आश्वासन देती है। पूर्व में कांग्रेस सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता दिया जाता था जिसे भाजपा की सरकार ने बंद किया और अब चुनाव आते ही बेरोजगारी भत्ता याद आ रहा है, जिसमें कई तरह के नियम लगा दिए जाएंगे। 

-एमपी में बंद हुए 29 हजार सरकारी स्कूल शुजालपुर विधायक व मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार पर भी निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में 5 साल पहले तक 1 लाख 21 हजार सरकारी स्कूल थे। जिनकी संख्या घटकर अब 92 हजार रह गई है। 29 हजार 281 स्कूल बंद कर दिए गए, जिनमें गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ते थे और अब वह बच्चे प्राइवेट में जाएंगे।

 यह गरीब विरोधी शिक्षा, विरोधी निर्णय है। शिक्षकों की भर्ती का अधिकार कांग्रेस काल में पंचायतों को होने से स्थानीय बेरोजगारों को लाभ मिलने का दावा करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने इस निर्णय को पलट दिया, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा। 

प्रदेश में 1 लाख 25 हजार बैकलॉग के पद खाली होने के बाद भी भर्ती न करने पर भी दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए। -मोदी सरकार में बढ़ी महंगाई मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोदी जी ने कहा था किसानों की आय दुगनी करेंगे, लेकिन वादा पूरा तो नहीं हुआ, उल्टा डीजल, खाद, दवा सब महंगा हो गया और उपज के दाम कम हो गए।

 कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ करने का निर्णय लिया था और एमपी में सरकार बनते ही कर्ज माफी का आदेश जारी कर पालन शुरू हुआ, लेकिन भाजपा ने सरकार में आते ही कर्जमाफी बंद कर दी। जबकि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परिजनों के कर्ज माफी का रिकॉर्ड भी पेश किया था। -ज्योतिरादित्य अब अतिथि शिक्षक के लिए सड़क पर क्यों नहीं आ रहे गौशालाओं की बदतर स्थिति पर भी सवाल उठाते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस को छोड़कर जो गए वह जमीदार राजा महाराजा थे। 

गरीब, दलित, आदिवासी कांग्रेस छोड़कर नहीं गए। ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कांग्रेस से नाराज होकर जाते समय कह रहे थे, कि वादे पूरे नहीं किए, लेकिन अब भाजपा में मंत्री बनने के बाद भी कर्जमाफी और अतिथि शिक्षकों को हक दिलाने के लिए सड़क पर उतरने की बात पर वह क्यों अमल नहीं कर रहे है। एमपी में शिवराज सरकार जनरल से नहीं धनबल से चल रही है।

लेगी।

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