Madhya Pradesh

एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आव्हान पर एक दिवसीय महाकुंभ आयोजित

भोपाल । राजधानी में आज अपनी लंबित मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना देकर प्रदर्शन किया गया, जिसमें प्रदेश के 32000 से अधिक एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी परिवार सहित एकत्रित हुए जिसमें धरना प्रदर्शन देकर नारेबाजी की गई ।

प्रदेश अध्यक्ष विजय ठक्कर ने बताया कि एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी मांग को 2013 से लगातार शासन प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। 2018 में भी 42 दिन की हड़ताल की गई थी उस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं स्वीकार किया गया था संविदा एक शोषण प्रथा अन्याय पूर्ण व्यवस्था है इसे समाप्त किया जाएगा। इसी पर कार्यवाही करते कैबिनेट मीटिंग में 90 प्रतिशत नीति पारित की गई जिसपर को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा परिपत्र क्रमांक/सी-5/2018/1/3, 5 जून ,2018 को जारी किया गया।

15 जून 2018 की नीति में संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतनमान एवं शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाना था जो कि स्वास्थ्य विभाग में एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नहीं दिया गया, जिससे इन कर्मचारियों के परिवारों के लिए जीवन मरण का प्रश्न उपस्थित हो गया है इसलिए कहीं ना कहीं प्रदेश के 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में लगातार आक्रोश उत्पन्न हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप इस आंदोलन ने जन्म लिया।

एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा अभी भी मांगे पूरी ना होने की दशा में मुख्यमंत्री निवास तक जाकर अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन भी दिया गया।
इसी क्रम में सोमवार 8 मई 2023 को समस्त संविदा एनएचएम स्वास्थ्य कर्मचारीयों भोपाल भरो आंदोलन का आव्हान किया है।

प्रमुख मांग राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए अन्य कर्मचारियों को 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90% नीति का लाभ तत्काल प्रभाव से दिया जाए एवं सी एचओं कैडर को एम एल एच पी तहत नियमित किया जाए।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर आउट सोर्स ठेका प्रथा न किए गए सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए अथवा विभाग में रिक्त पद पर समायोजन किया जाए एवं निष्कासित कर्मचारियों को सत प्रतिशत वापस लिया जाए। 15 दिसंबर से 3 जनवरी तक की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान जिन कर्मचारियों पर पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए हैं उन्हें तत्काल वापस लिया जाए।

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