Madhya Pradesh

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गुजरात द्वारा एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला संपन्न

भोपाल । राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय द्वारा गुरुवार 30 मार्च 2023 को भोपाल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन श्यामला हिल स्थित अशोक लेक व्यू होटल में आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम को विश्वविद्यालय के उप कुलपति डा आनंद त्रिपाठी ने संबोधित किया । जिसमें उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2009 में में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से गुजरात के गांधीनगर से की गई थी। 

विश्वविद्यालय और सुरक्षा संस्थानों के साथ रणनीतिक जुड़ाव
डा त्रिपाठी ने बताया कि
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (National Defence University) भारत सरकार की एक प्रमुख संस्था है जो रक्षा, सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में शिक्षा एवं अनुसंधान करती है। इस संस्था के माध्यम से देश में रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में आवश्यक कौशल एवं ज्ञान को विकसित किया जाता है।
इस संस्था के अंतर्गत, नागरिकों को रक्षा एवं सुरक्षा के विषय में शिक्षा दी जाती है ताकि उन्हें देश की सुरक्षा एवं रक्षा की जिम्मेदारी के बारे में जागरूकता हो सके। इसके साथ ही, राजनयिकों, सुरक्षा प्रशासन के अधिकारियों और नेताओं को भी राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के विषय में शिक्षा दी जाती है जो उन्हें सुरक्षा नीतियों, रक्षा रणनीतियों और रक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी प्रदान करती है।
विश्वविद्यालय अनेक संगठनों, विश्वविद्यालयों, सरकारी विभागों और विदेशी संस्थाओं के साथ सहयोग करता है।
विश्वविद्यालय और सुरक्षा संस्थानों के बीच रणनीतिक जुड़ाव बनाया जाए। यह समाज की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है और विश्वविद्यालय छात्रों को सुरक्षा के बारे में जागरूक कर सकता है।
डा त्रिपाठी ने बताया कि संयुक्त रूप से काम करने से ये संस्थान समाज को बेहतर सुरक्षा सुविधाएं उपलब्ध करा सकते हैं और उन्हें सुरक्षा के मामलों में बेहतर तकनीकी ज्ञान प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, विश्वविद्यालय अपनी शोध क्षमता का उपयोग करके समाज के लिए उपयोगी और अस्पताल, उपयोगिता, अंतरिक्ष और स्वच्छता जैसे क्षेत्रों में नई तकनीकों का विकास कर सकते हैं।
इसलिए, सुरक्षा और पुलिस संस्थानों और विश्वविद्यालयों के बीच रणनीतिक जुड़ाव विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं और समाज की सुरक्षा में सुधार कर सकते हैं।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (National Defence University)
 भारत के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गुजरात के गांधीनगर में स्थित है और यह रक्षा अध्ययन और अनुसंधान के लिए एक प्रमुख संस्थान है। इस संस्थान में रक्षा अध्ययन और संबंधित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्रदान की जाती है। यह संस्थान रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान और उन्नयन के लिए उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करता है।
डा त्रिपाठी ने बताया कि यह संस्थान भारत की रक्षा और सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास में योगदान करता है। यह संस्थान अन्य रक्षा संस्थानों, स्थानीय प्रशासन और संबंधित संगठनों के साथ सहयोग करता है और भारत और विदेशों के विभिन्न संगठनों के साथ अनुसंधान, विकास और व्यापार के लिए भी संबंध बनाता है।
उसके बाद चाइना बॉर्डर पर पासीघाट अरुणाचल प्रदेश जिला सत्र न्यायालय के पास, गुमिन नगेट पासीघाट, में कीगई। तीसरा कर्नाटक के पुंडचेरी में की गई। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी चल रहा है । पुलिस विज्ञान में डिप्लोमा, 
व्यक्तिगत रूप से स्वास्थ्य प्रबंधन (सेवाकालीन सुरक्षा भूतपूर्व सैनिक), पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फ्रेस मैनेजमेंट, पुलिस विज्ञान और प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, इंडस्ट्रियल सैटरी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और पुलिस साइंस में डिप्लोमा फिटनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा, कार्मिक/सामान्य औद्योगिक सुरक्षा में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और (सेवाकालीन सुरक्षा सुरक्षा (भूतपूर्व सैनिकों के लिए) पुलिस विज्ञान और प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा दिव्यांग/पुरुषों के लिए साइबर सुरक्षा में स्वास्थ्य प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा के पाध्यक्रम उपलब्ध है। साथ ही यहां पर क्राईम और सुरक्षा के साथ लॉ एलएलएम कराया जाता है। 
डा त्रिपाठी ने बताया कि मुझे खुशी होती है कि सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए पत्रकार कोर्स शुरू किया गया है। इससे न केवल पत्रकारों को यह समझने में मदद मिलेगी कि वे अपने काम को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि वे अपने पाठकों को भी सुरक्षित रख सकेंगे।
इस प्रशिक्षण से संबंधित 60 प्रतिशत शासकीय और अर्ध-शासकीय सेवाओं में कार्यरत हैं । पत्रकार इस प्रशिक्षण का लाभ उठा रहे हैं। इससे हम साक्षरता और जागरूकता के स्तर में एक बड़ी बढ़ोतरी देख सकते हैं।
डा त्रिपाठी ने बताया कि राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने भी इस प्रशिक्षण को लेकर काम किया है और अब तक 11800 प्रशिक्षण लिए गए हैं। इससे भारत की सुरक्षा के स्तर में भी एक बढ़ोतरी होगी।
उम्मीद है कि इस प्रशिक्षण से अधिक संवेदनशील जागरूकता उत्पन्न होगी जो सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के मामलों में लोगों को जागरूक बनाए रखने में महत्वपूर्ण है। 

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