वेतनमान सातवां भत्ते पुराने,11 साल से नहीं बढ़ा वाहन एवं मकान किराया भत्ता
7 साल 4 महीने में गृह भाड़ा भत्ता न बढ़ाने पर 2 लाख 34000 से ₹10 लाख 27000 रू का नुकसान चतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी अधिकारी को हुआ
2185 से लेकर ₹9594 प्रति महीने का गृह भाड़ा भत्ते में हो रहा नुकसान
केंद्रीय कर्मचारियों को वाहन भत्ते के 2556 रुपए राज्य के कर्मचारी को ₹200 मिल रहे हैं महीने का 2356 का नुकसान
भोपाल । प्रदेश सरकार के द्वारा कर्मचारियों के हितों में कोई भी ठोस निर्णय नहीं लिए गए। बात अगर अगर कर्मचारियों के वेतनमान और भत्तों की की जाए तो वेतन मान तो समय अनुसार पूरा दिया जा रहा है लेकिन भत्तों की बात की जाए तो आज भी वर्षों पहले के हैं। फिर चाहे मकान किराए की बात हो या फिर वाहन भत्ते की। जहां जनप्रतिनिधियों को समय समय पर भत्तों का लाभ दिया जाता रहा है। केंद्रीय कर्मचारियों को सभी वेतन भत्ते समय पर लागू किए गए जिससे राज्य के और केंद्र के कर्मचारियों के वेतन काफी अंतर हो गया। वहीं मंहगाई निरंतर बढ़ती जा रही है इस वजह से राज्य के कर्मचारी अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों को इस भीषण महंगाई में भी 11 साल से छठवें वेतनमान के बाद सितंबर 2012 से वाहन भत्ता₹200 व मकान किराया भत्ता 10 7 5 3% की दर से आज 2023 में भी मिल रहा है जबकि 2016 से सातवां वेतनमान लागू हो गया है सातवां वेतनमान लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वाहन भत्ता 1800 रु व उस पर 42% महंगाई भत्ता मिलाकर 2556 रुपए वाहन भत्ते के रूप में मिल रहे हैं वहीं मध्य प्रदेश के चार महानगर में कार्यरत कर्मचारी को मात्र ₹200 महीना वाहन भत्ते के रूप में मिलते हैं जबकि पेट्रोल के दाम ₹108 लीटर से ज्यादा हैं जहां केंद्र के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार मकान किराया भत्ता 18% मिल रहा है वहीं राज्य के कर्मचारियों को छठवें वेतनमान के बाद 11 साल पहले लागू 10 7 5 3% प्रतिशत के हिसाब से ही मिल रहा है एक ही राज्य में रहने वाले केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों के भत्तों में इतना अंतर है जबकि महंगाई केंद्र एवं राज्य कर्मचारियों सबके लिए समान है राज्य में लागू वाहन एवं मकान किराए भत्ते के रूप में मिलने वाली राशि में महीने भर वाहन चलाना एवं एक अच्छा मकान किराए पर मिलना मुश्किल है र्वेतन भत्तों में अंतर होने से प्रदेश के कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने वाहन एवं मकान किराया भत्ता केंद्र के समान करने की मांग मुख्यमंत्री जी से की है ।
गृह भाड़ा भत्ता में 7 साल 4 महीने में कितना नुकसान हुआ आंकड़ों अनुसार
वेतनमान 88महीने घाटा
15500- 19100 234814
19500- 24000 295012
25300- 31200 383668
32800- 40300 498368
56100- 69000 856792
67300- 82700 1027324
मकान एवं वाहन भत्ते का आंकलन जनवरी 2016 से अप्रैल 2023 तक 88 महीने का है। छठवें वेतनमान का 10% एवं सातवें वेतनमान का 18% के हिसाब से गणना की गई है। इन सालों में जो सेवानिवृत्त हो गए एवं जो कार्य कर रहे हैं उनको कितना नुकसान हो चुका है।