Madhya Pradesh

50 लाख रजिस्ट्रियों को ई-संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन करने की योजना


भोपाल ।
मध्य प्रदेश का पंजीयन और स्टाम्प विभाग प्रदेश की 50 लाख रजिस्ट्रियों को ई-संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन करने की योजना बना रहा है। इससे जनता को पुरानी रजिस्ट्रियों तक आसान पहुंच मिलेगी और धोखाधड़ी रोकने में भी मदद मिलेगी।

पंजीयक और स्टाम्प विभाग अब अपने पास 2015 के बाद की रजिस्ट्रियों का डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध करा रहे हैं। इससे पहले के रजिस्ट्रियों को भी डिजिटल फॉर्मेट में डेटा बेस करने का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए एक फर्म का चयन किया गया है और रजिस्ट्री की हार्ड कॉपी को स्कैन करने का काम जून माह से शुरू होगा।

शुरुआत में 2015 से पहले की रजिस्ट्रियों को डिजिटल करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 20 सालों की कृषि भूमि की रजिस्ट्री और 15 सालों की रेसिडेंशियल रजिस्ट्री शामिल होगी। इस प्रक्रिया के बाद, जनता को ऑनलाइन माध्यम के माध्यम से अपनी रजिस्ट्री की सत्यापित कॉपी प्राप्त करने की सुविधा होगी। यह उनके लिए बहुत ही सुविधाजनक होगा और उन्हें अपनी रजिस्ट्री के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

यह पहल का कदम है और इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव हो।

  

अभी यह होती है परेशानी

वर्तमान में किसी दूसरे शहर में 2015 की रजिस्ट्री को सर्च करने के लिए वहां जाकर 50 रुपये फीस देकर आवेदन देना होता है। जहां इंडेक्स सर्चिंग के बाद सत्यापित कॉपी मिलती है। अब इस पहल से पुरानी रजिस्ट्रियां भी किसी भी शहर में बैठ कर ऑनलाइन सर्च की जा सकेंगी और उसकी तय फीस का भुगतान कर सत्यापित कॉपी डाउनलोड कर सकेंगे। 

2015 के बाद का रिकॉर्ड ऑनलाइन 

अभी विभाग के संपदा सॉफ्टवेयर पर 2015 के बाद का रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध है। अभी ऑनलाइन सर्चिंग नि:शुल्क है। हालांकि, रजिस्ट्री की सर्टिफाइड कॉपी मुद्रांक शुल्क और फीस के 300 रुपये जमा कर ऑनलाइन ही मिल जाती है। 

ऑनलाइन सर्च कर सकेंगे 

मध्य प्रदेश परियोजना अधिकारी संपदा स्वप्नेश शर्मा ने बताया कि रिकॉर्ड की स्कैनिंग के लिए फर्म का चयन हो गया है। इस सुविधा से रजिस्ट्री को ऑनलाइन सर्च कर सकेंगे। स्कैन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सर्टिफाइड कॉपी भी उपलब्ध हो सकेगी।

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