Madhya Pradesh

जनसंपर्क चौबीस घंटे, सातों दिन का काम : कुलपति प्रो. केजी सुरेश

माखनलाल विश्वविद्यालय के कुलपति के जी सुरेश, कुलसचिव लाजपत आहूजा

फिल्में भी जनसंपर्क का काम करती हैं – लाजपत आहूजा


जनसंपर्क में सिनेमा की भूमिका पर विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग का आयोजन,


भोपाल – जनसंपर्क दस से छह की नौकरी नहीं है बल्कि चौबीस घंटे, सातों दिन का काम है। ये कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ केजी सुरेश का। विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित सेमीनार में उन्होंने विद्यार्थियों को जनसंपर्क के टिप्स दिए। 

जनसंपर्क में सिनेमा की भूमिका विषय पर जनसंपर्क विभाग के पूर्व संचालक एवं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिसचिव लालपत आहूजा ने मुख्य वक्ता के रुप में कहा कि फिल्में जनसंपर्क का भी काम करती हैं। फिल्मी पर्दे पर अभिनेताओं के अभिनय जनसंपर्क का ही काम करते हैं। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के जरिए बताया कि फिल्मों से किस तरह से सकारात्मक एवं नकारात्मक छबि पेश की जाती है और आम जन के मन में इसका प्रभाव पड़ता है । 

श्री आहूजा ने मंथन, संतोषी मां, आदि बहुत सी फिल्मों का उदाहरण देते हुए जनसंपर्क में सिनेमा की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर विभाग द्वारा एक जनरल जेपीआरे के तृतीय अंक का विमोचन किया गया। साथ ही इसके आईआईएसएल नंबर का सर्टिफिकेट भी विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। 

कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, विभागाध्यक्ष डॉ. पवित्र श्रीवास्तव विभाग के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित हुए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अरुण खोबरे द्वारा किया गया।

पांचवे चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल के पोस्टर का हुआ विमोचन

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के चलचित्र विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म रिपोर्टिंग पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय जल्द ही एक्टिंग एवं डारेक्शन में डिप्लोमा कोर्स भी शुरु करेगा। 

उन्होंने फिल्मी समाचार पर कहा कि चटपटे एवं गॉसिप जो हैं वह समाचार नहीं है। प्रो. सुरेश ने कहा कि फिल्म समीक्षा गंभीर दर्शक पढ़ता है। इसके साथ ही उन्होंने फिल्मों के हिट होने पर कहा कि इसका कोई फार्मूला नहीं है । प्रो. सुरेश ने कहा कि फिल्म को देखना नहीं बल्कि समझना जरुरी है । 

इस अवसर पर वरिष्ठ फिल्म समीक्षक अजीत राय ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय फिल्म रिपोर्टिंग पर कहा कि इसके लिए एक जुनून एवं ज्ञान की तैयारी की जरुरत होती है। उन्होंने 1952 से 1965 के दौर को फिल्मों का स्वर्ण काल बताते हुए उस समय के फिल्मी समारोह के बारे में बताया। 

उन्होंने माया नगरी मुंबई की फिल्मों पर कहा कि आजकल केरल, बंगाल, कर्नाटक, पंजाब, आसाम और मनिपुर में भी बेहतरीन फिल्में बन रही हैं। श्री राय ने कान फिल्म समारोह क्यों खास है इसके बारे में भी विद्यार्थियों को बताया। इस अवसर पर अगले साल फरवरी में हरियाणा के पंचकुला में होने वाले पांचवे चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल के पोस्टर का भी विमोचन किया गया। 

विमोचन अवसर पर सतपुड़ा चलचित्र समिति के अध्यक्ष लाजपत आहूजा एवं सचिव आशीष भवालकर एवं अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, चलचित्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पवित्र श्रीवास्तव विभाग के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित हुए।

मित्रतापूर्ण मुकाबले में एमसीयू एकादश ने एलुमिनी एकादश को 10 विकेट से हराया

 माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से वार्षिक उत्सव प्रतिभा के अंतर्गत एमसीयू एकादश और एमसीयू एलुमिनी एकादश के बीच मित्रतापूर्ण क्रिकेट मैच खेला गया। 112 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एमसीयू एकादश ने मनोज पटेल और गोपाल वर्मा की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की मदद से केवल 7 ओवर में ही विजय प्राप्त कर ली। 

मनोज पटेल ने 56 और गोपाल वर्मा ने 44 रन की पारी खेली। एमसीयू एकादश की ओर से कप्तान लोकेंद्र सिंह और एलुमिनी एकादश की ओर से कप्तान अजय मौर्या ने अपनी टीमों का परिचय कुलपति प्रो. (डॉ) केजी सुरेश, कुलसचिव प्रो. (डॉ) अविनाश वाजपेयी एवं आइकॉनिक विद्यालय की प्राचार्य डॉ. सुमन पुरोहित दास से कराया। प्राचार्य डॉ. पुरोहित ने कहा कि खेल जीवन का हिस्सा है। वहीं, कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि खेल मित्रता के भाव को बढ़ाते हैं। विश्वविद्यालय परिवार की दोनों ही टीमों को खेलते देखना अच्छा अनुभव है। हम सदैव ही अपने शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों और विद्यार्थियों को खेलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। 

पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग में बुक डिस्कशन

 माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग द्वारा शुक्रवार को बुक डिस्कशन का आयोजन किया गया। जिसमें वरिष्ठ पत्रकार गिरिजा शंकर एवं वरिष्ठ फिल्म समीक्षक अजीत राय ने अपने विचार व्यक्त किए । कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. केजी सुरेश ने की। इस अवसर पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. आरती सारंग, कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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