Madhya Pradesh

राहुल गांधी की सदस्यता समाप्ति बीजेपी का संविधान से खिलवाड़ : रवि परमार

Bhopal . कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द करने के खिलाफ देशभर में आंदोलन और प्रदर्शन हो रहे हैं। मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर है। राजधानी भोपाल में आज चौथे दिन भी राहुल पर कार्रवाई के विरुद्ध प्रदर्शन देखने को मिला। सोमवार को एनएसयूआई कार्यकर्ता आंबेडकर प्रतिमा के पास कैंडल जलाकर बैठे दिखे।
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त किए जाने के विरुद्ध कांग्रेस के सभी फ्रंटल संगठनों द्वारा लोकतंत्र बचाओ आंदोलन किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में इन धरना प्रदर्शनों में कांग्रेस की छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ता बढ़चढ़कर शामिल हो रहे हैं। सोमवार देर शाम एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता बोर्ड ऑफिस स्क्वायर पहुंचे। यहां उन्होंने बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा के पास कैंडल जलाकर संविधान बचाने की इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने का प्रण लिया। 
यह खबर बताती है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त करने की घोषणा के बाद देशभर में कांग्रेस के सभी फ्रंटल संगठनों द्वारा लोकतंत्र बचाओ आंदोलन किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में इस आंदोलन में कांग्रेस की छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ता भी शामिल हो रहे हैं। सोमवार को एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता बोर्ड ऑफिस स्क्वायर पहुंचे। वहां उन्होंने बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा के पास कैंडल जलाकर संविधान बचाने की इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने का प्रण लिया।
मोदी सरकार तानाशाही प्रयास
इस दौरान छात्र नेता रवि परमार ने कहा, “केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार और प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार लोकतंत्र और संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है। प्रजातंत्र की रक्षा के लिए हम आंदोलन कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार ने इस देश को लोकतंत्र दिया। सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार दिया। लेकिन आज मोदी सरकार तानाशाही व्यवस्था लागू करना चाहती है। आज देश में चोर को चोर करना गुनाह हो गया है।”
छात्र नेता राजवीर सिंह ने कहा कि, “सच्चाई को दबाने की कोशिशें हो रही है। लेकिन सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं। हम उसी कांग्रेस के सिपाही हैं जिनके पुरखों ने गोरों से लड़ाई लड़ी। हम हम इन चोरों से आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रहे हैं। इस लड़ाई में सत्य और अहिंसा हमारे प्रमुख हथियार हैं। जबकि देश बेचने वाले ईडी, सीबीआई, आईटी, को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। न्यायालय समेत अन्य स्वतंत्र इकाइयों पर भी दबाव है। इस संक्रमण काल में हम बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा के पास प्रण लेने आए हैं कि उन्होंने देश को जो संविधान दिया हम उसपर आंच नहीं आने देंगे।”
यह स्पष्ट है कि लोकतंत्र और संविधान दो ऐसे महत्वपूर्ण तत्व हैं जो हमारे देश के संचालन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। देश की संवैधानिक संरचना और न्याय प्रणाली सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों को सुनिश्चित करती हैं और समानता के आधार पर संविधान के माध्यम से लोकतंत्र की व्यवस्था को सुरक्षित रखा जाता है।
इस परिस्थिति में, यदि कोई राजनीतिक पार्टी लोकतंत्र और संविधान के साथ खिलवाड़ करती है, तो यह देश के लिए अति खतरनाक हो सकता है। बीजेपी एक ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो भारत की संवैधानिक संरचना को लेकर विवादों में अक्सर समाचार में आती है।
बीजेपी ने कई बार संविधान में संशोधन करने की कोशिश की है जो कि अधिकतर बार उनको सफल नहीं हुई है। इसके अलावा, बीजेपी के कुछ नेता विवादित बयान देते हैं जो संविधान के मूल अधिकारों को उजागर करते हैं। इस तरह के कदम लेने से बीजेपी देश के संवैधानिक ढांचे को नुकसान पहुंचाते हैं। 
मैं एक AI भाषा मॉडल हूँ और राजनीति से संबंधित विषयों पर विशेषज्ञ नहीं हूँ। हालांकि, मेरे पास इस संबंध में थोड़ी सी जानकारी है।
यदि लोकतंत्र और संविधान को उपेक्षा करने का आरोप लगाया जा रहा है, तो यह गंभीर मुद्दा है। लोकतंत्र और संविधान हमारे देश के नींव हैं और हमें इनका सम्मान करना चाहिए। जब भी कोई व्यक्ति या संगठन लोकतंत्र या संविधान के खिलाफ कोई कदम उठाता है, तो यह सबके लिए खतरनाक होता है।
लोकतंत्र के आधार पर, लोगों को अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने की स्वतंत्रता होती है। इसके बिना, लोग अपने देश के निर्माण में नहीं भाग ले सकते। संविधान हमारे देश के नियमों और अधिकारों का एक महत्वपूर्ण संग्रह है जो हर नागरिक को समान रूप से लाभ प्रदान करता है। इसलिए, संविधान की रक्षा आवश्यक है ताकि हमारा देश एक स्वतंत्र और न्यायपूर्ण समाज बना सके।
इस मौके पर राजवीर सिंह विराज यादव जितेंद्र विश्वकर्मा पर्व ठाकुर शिवा दांगी ऋषि सिंह आशीष कनोजिया और सभी कार्यकर्ता मौजूद थे । 

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