Madhya Pradesh

बाल विवाह की सूचना नहीं देने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा समाप्त


राजगढ़/भोपाल ।
कुछ कर्मचारी प्रशासन की कार्रवाई को पलीता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह के कार्यवाही में शामिल होना कानूनी दृष्टिकोण से सही नहीं होता है और इससे समाज को बुरा प्रभाव पड़ता है।

प्रशासन को इस मुद्दे को समाधान करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए, जिससे समाज के लोगों में भरोसा बढ़े और उन्हें ऐसी परंपराओं को छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा सके। समाज के सदस्यों के साथ संवाद करना, उन्हें उनकी समस्याओं के बारे में समझना और उनके साथ सहयोग करना भी महत्वपूर्ण होगा।

इस समस्या को समाधान करने के लिए शिक्षा और संचार को मजबूत बनाना आवश्यक है। स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं, जिनमें समाज के लोग शामिल हों और उन्हें उनके सभी मांगों के बारे में समझाया जा सके। इसके अलावा, संबंधित स्थानों पर चर्चा के लिए एक समिति गठित की जा सकती है। 

राजगढ़ जिले में रुढ़िवादी परंपराओं को रोकने के लिए प्रशासन सख्ती से कार्रवाई कर रहा है, लेकिन जमीनी स्तर के कर्मचारी प्रशासन की कार्रवाई पर पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। अब ऐसे ही लापरवाह कर्मचारियों पर प्रशासन कार्रवाई करने में जुटा है।

 खुजनेर परियोजना के अन्तर्गत आने वाले खेड़ी गांव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रेखा वैष्णव के लापरवाह रवैये के चलते उस पर हाल ही में प्रशासनिक कार्रवाई की है। 

यह बहुत ही चिंताजनक है कि एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने बाल विवाह की सूचना नहीं दी। बाल विवाह एक अपराध है जो कि बहुत समस्याओं को उत्पन्न करता है, जिसमें बालक या बालिका के जीवन को बर्बाद कर दिया जाता है।

आपको यह जानकारी देने में मेरा उद्देश्य नहीं है कि बल्कि इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा। यदि आप ऐसी कोई समस्या के सामने खड़े होते हैं तो आपको उसे संबोधित करना चाहिए और इस समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए। आपके राज्य में बाल विवाह पर नियंत्रण करने के लिए कई कानून हैं।

इस समस्या को हल करने के लिए, आप स्थानीय अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं जैसे कि आपके राज्य के बाल विकास विभाग, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं या पुलिस विभाग। आप भी सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं जो इस समस्या को हल करने में मदद करते हैं।

खुजनेर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले खेड़ी गांव में एक पिता द्वारा अपने पुत्र का शासन द्वारा निर्धारित आयु से कम आयु में विवाह संपन्न कराया गया था और मौके से फरार भी हो गए थे, जिस पर सम्बन्धित पिता के विरुद्ध चाइल्ड लाइन मेंमबर की शिकायत पर खुजनेर थाने में प्रकरण भी दर्ज किया गया था और मामले की सम्बन्धित विभाग के द्वारा जांच भी की जा रही थी, जिसमें जिला परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा बाल विवाह की सूचना होने के बाद भी सूचना न देने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवाएं सामाप्त की गई है।

कलेक्टर हर्ष दीक्षित ने बताया कि, जिले में सामूहिक विवाह सम्मेलनों के आयोजन कि, संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से अनुमति लेना अनिवार्य है। विवाह सम्मेलनों में कोई भी बाल-विवाह न हो इसकी जिम्मेदारी संबंधित आयोजक समिति की होगी।

 विवाह सम्मेलनों में वर-वधु के जन्मतिथि से संबंधित दस्तावेज आधार कार्ड या अंक सूची भी लिए जाए। साथ ही सामूहिक विवाह सम्मेलनों में तहसीलदार, सी.डी.पी.ओ. महिला एवं बाल विकास,थाना प्रभारी की ड्यूटी लगाई जाएगी। साथ ही बाल-विवाह करने पर संबंधित के खिलाफ एफ.आई.आर.करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

 बाल-विवाह कि सूचना आशा-आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा प्रशासन को नहीं दी जाती है तो संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा समाप्त की जाएगी।

यह बहुत ही गंभीर मामला है जिसमें बाल विवाह जैसी अपराधिक क्रिया हुई है। बाल विवाह एक अपराध है और ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मामले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवाओं को समाप्त किया गया है, क्योंकि वह उन्हें सूचित नहीं करने के लिए दायित्वपूर्ण थी।

अब आपको यहां कुछ सुझाव दिए जाते हैं, जो आप यदि इच्छा हो तो अपना सकते हैं:

पुलिस दफ्तर में शिकायत दर्ज करें: आप खुजनेर थाने में जाकर इस मामले की शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इससे संबंधित अधिकारी आपकी शिकायत पर जांच करेंगे और कानूनी कार्रवाई उठाएंगे।

न्यायालय में मामला दायर करें: आप न्यायालय में भी मामला दायर कर सकते हैं। इसके लिए आपको न्यायालय में एक याचिका दायर करनी होगी जिसमें आपको मामले की पूरी जानकारी देनी होगी। न्यायालय में आपकी याचिका का प्रक्रिया शुरू होगा और संबंधित अधिकारी आपकी शिकायत पर संज्ञान लेंगे । 

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