Madhya Pradesh

शिवराज अत्यधिक कुपोषण में, कब हटेगा माथे से कलंक

श्योपुर । ढाई वर्षीय शिवराज आदिवासी खजुरी का रहने वाला है जो अत्यधिक कुपोषण की श्रेणी में आता है। शिवराज का इलाज विजयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। शिवराज को विजयपुर एनआरसी में आए चार दिन बीत गए है। जब शिवराज को भर्ती किया गया था तब उसकी हालत बेहद गंभीर और नाजुक थी। यहां तक की डॉक्टर ने उसे श्योपुर के लिए रेफर भी कर दिया था। लेकिन ढाई वर्षीय शिवराज की मां की मृत्यु होने के बाद वह अपनी दादी कुसुमा के साथ आया था और दादी श्योपुर जाने के लिए तैयार नहीं थी ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर्स ने शिवराज को एनआरसी में भर्ती रखने का फैसला लिया। ढाई वर्षीय शिवराज का वजन इस समय 5.50 किलोग्राम है। शिवराज के पैर बेहद कमजोर है वह अपने पैरो पर खड़ा होने में असमर्थ है जिस उम्र में शिवराज को दौड़ना चाहिए उस उम्र में वह अपनी दादी की गोदी और हॉस्पिटल के पलंग पर बैठकर अपने स्वास्थ्य के ठीक होने की गुहार लगा रहा है। इस विषय में जब विजयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के खंड चिकित्सा अधिकारी राघवेंद्र करन से बात हुई तो बताया कि शिवराज को एनआरसी में भर्ती किया गया है जब वह यहां आया था तब वह बेहद नाजुक हालत में आया था लेकिन अब उसकी स्थिति में थोड़ा सा सुधार है हम शिवराज की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे है।

बात सिर्फ इतनी ही नहीं कि ढाई वर्षीय शिवराज आदिवासी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विजयपुर में भर्ती है जहां उसका उपचार चल रहा है। प्रश्न तो यहां उठता है कि जब शिवराज का जन्म हुआ होगा तब उसका नाम खजुरी की आंगनबाड़ी में भी दर्ज होगा और शिवराज इस समय जिस हालत में है क्या उसकी मॉनिटरिंग पहले से हो रही थी क्या उसे वहां से उचित पोषण आहार मिल रहा था? और यदि मिल रहा था तो वह अतिकुपोषण की स्थिति में कैसे पहुंचा? आदिवासी जिला होने के कारण श्योपुर जिले में शासन की योजना बड़े ही स्तर से लागू होती है और इन योजनाओं में सरकार के द्वारा बड़ा मोटा पैसा दिया जाता है। हालांकि पहले की अपेक्षाकृत श्योपुर जिले के विजयपुर और कराहल क्षेत्र से कुपोषण का ग्राफ कम हुआ है लेकिन जिस प्रकार से कुपोषण मिलता जाता है तो प्रश्न खड़ा यही होता है कि आखिर कब तक श्योपुर के माथे से कुपोषण का कलंक हटेगा। क्या सरकार का पैसा धरातल पर नहीं पहुंच पा रहा है?

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