Madhya Pradesh

नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट का ED को नोटिस

Bhopal । नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह द्वारा दावा किया गया है कि भारत सरकार के दबाव में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिना किसी कारण नोटिस जारी किया था। उन्होंने इस नोटिस के विरुद्ध एक याचिका दायर की है जिसका जवाब चार सप्ताह के अंदर देना होगा।
इस संदर्भ में, “दबाव में” शब्द इस बात का संकेत करता है कि नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह दावा कर रहे हैं कि भारत सरकार द्वारा ईडी को दबाव डाला जा रहा है। नोटिस जारी करना ईडी के विधायिक अधिकारों में आता है, लेकिन यह नोटिस बिना किसी कारण के जारी किया गया था, जो नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को असंवेदनशील लगा। उन्होंने इस मामले में कोर्ट की सुरक्षा ली है।
 नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह का उल्लेख किया गया है जिन्होंने बताया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बिना किसी कारण नोटिस जारी किया गया था और इसके विरुद्ध कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि यह तनावपूर्ण स्थिति देश में चल रही तानाशाही के खिलाफ एक अंकुश है। यह वाक्यांश एक न्यायिक मामले के बारे में है जिसमें नेता ने अपनी उम्मीद व्यक्त की है कि कोर्ट इस मामले में न्याय करेगा और उससे देश में चल रही तानाशाही को रोकेगा।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 एक ऐसा कानून है जो भारत में धन के गैरकानूनी प्रवाह को रोकने के लिए बनाया गया है। इसका उद्देश्य ब्लैक मनी या काला धन को खत्म करना है और नेशनल सिक्योरिटी को बढ़ावा देना है।
जनवरी 2023 में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने डॉक्टर गोविंद सिंह को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था। डॉ. सिंह को 27 जनवरी 2023 को सुबह 11 बजे ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था।
यह संदेश सुझाता है कि डॉ. सिंह जनवरी 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग के शक में हो सकता है और उसे उसकी जाँच के लिए बुलाया गया है।
इस मामले में उस समय सिंह कहा कि मुझे ईडी से समन भेजा गया है उसमें 2019 का कोई मामला बताया गया है लेकिन मामला क्या है ऐसा कुछ नहीं लिखा। मैं ईडी से पूछना चाहता हूं वह अभी तक क्या कर रही थी। अगले आठ महीने में चुनाव है, ईडी केवल भाजपा के इशारे पर नाच रही है। लेकिन आगामी 8 महीने बाद नवंबर के महीने में बीजेपी और कांग्रेस विधानसभा में चुनाव का मुकाबला करेगी । बीजेपी की नाव डूबने की कगार पर है, क्योंकि इनकी नाव में कई छेद हो चुके हैं।

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