Madhya Pradesh

अतिक्रमणकारियों ने हथियार डाले, जंगल बचाने का किया वादा

 

बुरहानपुर । बुरहानपुर के जंगल में जमीन के लिए संघर्ष खत्म हो गया है और चालीस गांव के अतिक्रमणकारियों ने जंगल के संरक्षण के संकल्प लिए हैं। जंगल का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जीवन के लिए आवश्यक है और इसकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।

इस तरह के संकल्प और इंसानों के निकट स्थानों में वनों के संरक्षण के लिए किए गए प्रयास जीवन के लिए बहुत अच्छे से काम करते हैं। इससे पूरे विश्व में जंगलों की संख्या बढ़ती है और प्रकृति के संरक्षण में भी मदद मिलती है।
अब हमें इस परिस्थिति का लाभ उठाना चाहिए और इस संकल्प के साथ जंगलों को बचाने के लिए अपना सहयोग देना चाहिए। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम जंगलों के विनाश से अपने आप को बचाने के बजाय, हमें जंगलों के संरक्षण के लिए जुटना चाहिए।
वन अतिक्रमण समस्या – “Forest encroachment issue”
 बहुत खुशी की बात है कि मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के ग्रामीण लोगों ने वन अतिक्रमण के विरुद्ध आवाज उठाई है और इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वन अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है जो वनों के अस्तित्व को खतरे में डालती है और वन्य जीवन के लिए भी खतरा पैदा करती है।
पुलिस-प्रशासन को भी इस समस्या का समाधान ढूंढने में सहायता करनी चाहिए। उन्हें स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर एक समाधान ढूंढना चाहिए जो वनों के अस्तित्व को संरक्षित रखता हो। इस तरह के संघर्ष जो ग्रामीण लोग लड़ रहे हैं, उन्हें स्थानीय प्रशासन का सहयोग चाहिए। उन्हें उनके हक के लिए लड़ने का साहस और सहयोग मिलना चाहिए।
जंगल अतिक्रमण समस्या
यह स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। जंगल और प्रकृति हमारे पृथ्वी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और हमें उन्हें संरक्षित रखने की जिम्मेदारी होती है।
यह समस्या समाधान तक पहुंचाने के लिए संबंधित अधिकारियों को एकत्रित होकर समस्या का समाधान तलाशना होगा। इसमें वन विभाग, पुलिस विभाग, न्यायालय और स्थानीय समुदायों को सहयोग देना होगा।
समस्या को समाधान करने के लिए वन अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच समझौते करने चाहिए। वे एक साथ काम करके, अतिक्रमणकारियों को रोकने और जंगल को संरक्षित करने के लिए नियमों को जमीन पर लागू करने के लिए समझौते कर सकते हैं। वन और वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम के अनुसार, ऐसे अतिक्रमणकारियों को कठोर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए जो जंगल के अंदर घुसकर उनके नुकसान पहुंचाते हैं।
स्थानीय समुदाय को जंगल के संरक्षण में सहयोग देना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
तीर-कमान रख बोले- अब बचाएंगे जंगल
वन अतिक्रमणकारियों ने अपने तीर और गोफन का समर्पण करते समय एकजुट होकर नारेबाजी भी की। उन्होंने नारे लगाए की आज से वे सभी अपने तीर-कमान सरेंडर करते हैं। उन्होंने नारे लगाए कि आज से वे सभी घाघरला के जंगलों में नहीं जाएंगे। इसके बाद सभी ने अपने तीर-कमान सांकेतिक रूप से प्रशासन के सामने जमीन पर रख दिए। समर्पण करने के पश्चात अतिक्रमणकारियों ने वादा किया कि वे अब प्रशासन के साथ मिलकर जंगल बचाने का काम भी करेंगे। किसी को जंगलों पर अतिक्रमण नहीं करने देंगे।
आरोपियों पर कार्रवाई होगी
बुरहानपुर एसपी राहुल कुमार ने बताया कि घाघरला के वन अतिक्रमणकारियों ने वीडियो जारी किया है। उन्होंने अपने तीर-कमान डाल दिए हैं। अब वे कहीं अतिक्रमण करने नहीं जाएंगे। इसके साथ ही तीर-कमान से किसी पर हमला भी नहीं करेंगे। इसका मतलब यह नहीं है कि सबकुछ खत्म हो गया है। पिछले दिनों अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जो केस दर्ज हुए थे, उनमें वैधानिक तरीके से कार्रवाई होगी।

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