Madhya Pradesh

महाकाल लोक के ठेकेदार गुजराती क्यों?

भोपाल ।कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में योग्यता के आधार पर अपने प्रत्याशी को उत्तर देना चाहती है और उन्हें टिकाऊ और बिकाऊ उम्मीदवारों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहती है। इसके अलावा, यह बताता है कि पार्टी के नेता और नेतृत्व को उम्मीदवारों का चयन करने में एक और उत्सुकता है जिसके लिए वे योग्यता और ईमानदारी के मानकों को ध्यान में रखने की आवश्यकता महसूस करते हैं। कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उज्जैन में कहा कि इस बार मध्यप्रदेश मे कांग्रेस योग्यता के आधार पर तो विधानसभा चुनाव मे अपना प्रत्याशी बनाएगी ही साथ ही इस बात का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा कि प्रत्याशी टिकाऊ हो बिकाऊ नहीं।

चुनाव एक जनता के फैसले का माध्यम होता है और इसमें सभी दलों को समान अवसर मिलते हैं। सतत संवाद, समन्वय और सकारात्मक सोच के साथ चुनाव लड़ना अच्छा होता है, जिससे जनता अपने विकास के लिए अच्छे फैसले ले सके।

इस बात को याद रखना चाहिए कि चुनाव में जीत और हार होते हैं, और इससे डिमोक्रेसी की स्थिति मजबूत होती है। यह हमारी राजनीतिक प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग होता है।

दूसरे ज्योतिरादित्य सिंधिया के संबंध में, उन्हें अपनी राजनीतिक दल बदलने का अधिकार है और वे जहां चाहें वहां शामिल हो सकते हैं। इसे भी याद रखें कि चुनाव में लोग उनके काम और नीतियों के आधार पर वोट करते हैं, न कि उनके नाम या पार्टी के नाम के आधार पर।

चुनाव के समय दलों को अपनी जनता को अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में बताना चाहिए और उनके समस्याओं का समाधान करने के लिए उन्हें उचित समय और ध्यान देना चाहिए

इन सीटों पर दिग्विजय सिंह खुद जा रहे हैं। वहां कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। पार्टी के पक्ष में माहौल बना रहे हैं। साथ ही वहां के प्रत्याशियों की पहचान की जा रही है। इसी कड़ी में दिग्विजय सिंह शुक्रवार को उज्जैन पहुंचे। पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने दावा किया कि माहौल बहुत अलग है।

मध्यप्रदेश में 2023 के चुनाव में फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी। पत्रकारों ने पूछा कि इस बार फिर किसी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आपकी सरकार गिरा दी तो… इस पर दिग्विजय ने कहा- हे बाबा महाकाल दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश में न हो। दिग्विजय ने यह भी सवाल उठाया कि मध्यप्रदेश में होने वाले हर बड़े निर्माण कार्य का ठेका गुजरात के ठेकेदारों को क्यों दिया जाता है?

मध्य प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में कुशल ठेकेदार उपलब्ध हैं जो विभिन्न निर्माण कार्यों को करने में सक्षम हैं। हालांकि, इस संबंध में दर्शायी गई जानकारी के अनुसार, निर्माण कार्य के ठेकेदारों को गुजरात से बुलाया जाना अधिकांश कार्यों में होता है। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि ठेकेदार अपने संगठनों या व्यवसायों के संचालन एवं निर्माण कार्यों की विशेष विद्या एवं अनुभव रखते हों, जो इस क्षेत्र में पूरे रूप से उपलब्ध न होने के कारण अन्य राज्यों से ठेके लेने के लिए विकल्प ढूंढते हों।

दरअसल, इस समस्या का हल है कि मध्य प्रदेश के ठेकेदारों को और भी प्रोत्साहित किया जाए ताकि वे अपने क्षेत्र में ही निर्माण कार्य अधिक से अधिक उत्कृष्ट गुणवत्ता और अधिकतम मूल्य मूल्य के साथ कर सकें। इसके लिए सरकार को निर्माण कार्यों के लिए विभिन्न ठेकेदारों के रजिस्टर की तैयारी करनी चाहिए

यहां गर्भगृह में दर्शन करने के 750 रुपये, बैरिकेट से दर्शन करने के 250 रुपये और भस्मारती दर्शन के 200 रुपये वसूले जा रहे हैं। यह सरासर गलत है। श्री महाकालेश्वर मंदिर के सौंदर्यीकरण की 300 करोड़ की योजना कमलनाथ सरकार ने बनाई थी। लेकिन इस योजना का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और भाजपा सरकार ले रही है। –

सिंहस्थ की जमीन पर कॉलोनी, मास्टर प्लान घोषित क्यों नहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि धार्मिक नगरी उज्जैन में 12 वर्षों में एक बार होने वाले सिंहस्थ महापर्व की जमीन पर इन दिनों तेजी से कॉलोनियां कट रही हैं। इस पर रोक लगाने वाला कोई नहीं है। कांग्रेस और शहर की जनता को तो सिंहस्थ क्षेत्र की जमीन पर हो रहे निर्माण कार्य नजर आ रहे हैं।

लेकिन सरकार और प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान देना नहीं चाहते। उज्जैन का मास्टर प्लान घोषित होना चाहिए, लेकिन इसे भी अब तक लागू नहीं किया गया है। महाकाल मंदिर के पास आरएसएस की बड़ी दुकान दिग्विजय ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पास आरएसएस ने बड़ी दुकान खोल ली है।

वहां से वे जमकर व्यवसाय कर रहे हैं। आरएसएस की मानसिकता व्यवसायिक है। यह लोग धन-बल से ही सरकार चलाते हैं। -लाड़ली बहना का हाल भी संबल जैसा होगा दिग्विजय सिंह ने कहा कि शिवराजसिंह चौहान लाड़ली बहना योजना के नाम पर प्रदेश की बहनों को खुशहाल करने की बात कर रहे हैं।

इस योजना का हाल भी किसान योजना और संबल योजना जैसा ही होगा। सर्वे करवाने के बाद हजारों हितग्राहियों को पात्र नहीं माना गया था। फिर योजना के माध्यम से दी गई राशि हितग्राहियों को सरकार को वापस करना पड़ी थी। कांग्रेस पार्टी के पास न तो झूठी घोषणाएं हैं और न ही आश्वासनों का पुलिंदा। शिवराजसिंह चौहान की लगभग 2100 घोषणा ऐसी हैं, जिस पर अब तक कोई अमल नहीं किया गया है।

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