Madhya Pradesh

वर्ल्ड बैंक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दल ने किया स्वास्थ्य संस्थाओं का निरीक्षण

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विड नियंत्रण और प्रबंधन में जिले के कार्यों को सराहा


भोपाल । वर्ल्ड बैंक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त दल द्वारा गुरूवार को भोपाल जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं का निरीक्षण किया गया। दल ने कोविड-19 के दौरान अस्पतालों में कोविड मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए किये गए कार्यों एवं संसाधनों की जानकारी ली। 

 संयुक्त दल द्वारा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं जयप्रकाश जिला चिकित्सालय का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान सेम्पलिंग की व्यवस्था, आई.सी.यू., ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन सप्लाई, उपकरणों, दवाईयों की स्थिति, नवाचारों, सामुदायिक सहभागिता की जानकारी ली। पांच सदस्यीय संयुक्त दल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से विभूति कुमार सिंह, वर्ल्ड बैंक से दिनेश नायर, अनघा घोष, तान्या गुप्ता एवं राज्य स्तर से नोडल अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री, श्री मनोज शर्मा उपस्थित रहे। 

 दल द्वारा गांधी मेडिकल कॉलेज में संचालित स्टेट वायरोलॉजी लैब का निरीक्षण किया। डीन डॉ. अरविन्द राय ने बताया कि कोविड -19 के दौरान संसाधनों की उपलब्धता के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग प्रदान किया गया। कोविड के दौरान प्रसव सेवाएं, सर्जरी, डायलिसिस इत्यादि सभी सेवाएं निर्बाध रूप से संचालित रहीं। माईक्रोबाईलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. दीप्ति चौरसिया ने बताया कि शासन द्वारा बेहद कम समय में जांच के लिए सभी आवश्यक साधन उपलब्ध करवाये गए। साथ ही कर्मचारियो को सेम्पलिंग, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन एवं कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप सेवा प्रदायगी के लिए प्रशिक्षण दिया गया। 

 जयप्रकाश जिला चिकित्सालय में निरीक्षण के दौरान संयुक्त दल ने कोविड-19 के समय बनाये गए आई.सी.यू., ऑक्सीजन प्लाण्ट, ऑक्सीजन सप्लाई के प्रबंधन, उपकरणों एवं दवाईयों के उपार्जन एवं सप्लाई की स्थिति को देखा। सेम्पल कलेक्शन के लिए जिला चिकित्सालय में बनाई गई व्यवस्था एवं फीवर क्लिनिक के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। एक ही दिन में लगभग 15000 से अधिक सेम्पलिंग एवं 4 हज़ार से अधिक मरीजों के प्रबंधन की जानकारी दी गई। कोविड के दौरान लगभग 38 लाख से अधिक सेम्पलिंग की गई, जिसमें लगभग 20 लाख आर.टी.पी.सी.आर. एवं 10 लाख रेपिड एंटीजन शामिल हैं। निरीक्षण दल द्वारा दवाओं एवं उपकरणों की सप्लाई के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित किये जा रहे ई-औषधि पोर्टल की सराहना की गई। साथ ही कोविड-19 के नियंत्रण एवं प्रबंधन हेतु प्रत्येक स्तर पर किये गए कार्यों की प्रशंसा की।  

 मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि कोविड की तीसरी लहर के दौरान ज़िले की विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किये गए थे। वर्तमान में ज़िला चिकित्सालय में ऑक्सीजनयुक्त 138 कोविड बेड, 56 बिस्तरीय आईसीयू एवं 17 वेण्टीलेटर की व्यवस्था भी जिला चिकित्सालय में की गई है। यहां पर 1000 एल.पी.एम. के दो ऑक्सीजन प्लांट एवं 6 किलोलीटर का एक एल.एम.ओ प्लांट संचालित है अस्पताल में 470 ऑक्सीजन सिलेण्डर भी वर्तमान में उपलब्ध हैं। 

 सिविल अस्पताल बैरागढ़, के.एन.के., बैरसिया, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोलार, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नज़ीराबाद एवं अन्य शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में ऑक्सीजन प्लाण्ट क्रियाशील हैं। सिविल अस्पताल केएनके में 500 एलपीएम का पी.एस.ए. प्लाण्ट एवं 1 किलोलीटर का एल.एम.ओ. प्लाण्ट, सिविल अस्पताल बैरागढ़ एवं कोलार में 150-150 एलपीएम, एम्स में 1000 एलपीएम, गांधी मेडिकल कॉलेज में 5000 एलपीएम, कमला नेहरू गैस राहत, खुशीलाल एवं रेल्वे चिकित्सालय में 500-500 एलपीएम, कस्तूरबा चिकित्सालय में 500 एलपीएम एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नजीराबाद में 250 एलपीएम क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट संचालित है। 

 कोविड नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, नगर निगम, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं अन्य शासकीय विभागों एवं अशासकीय संस्थाओं ने समन्वित रूप से कार्य किया है। निजी क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेजों ने भी इस दौरान मरीज़ों के उपचार में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया। निजी मेडिकल कॉलेजों द्वारा मीरजों को निःशुल्क उपचार शासन के निर्धारित पैकेज के अनुसार दिया गया। मप्र शासन द्वारा राज्य स्तर से ग्राम स्तर तक स्थापित क्राईसिस मेनेजमेण्ट समितियों ने भी महती भूमिका का निर्वहन किया। कोविड केयर सेण्टर, डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में मरीज़ों को उपचार के साथ ही पौष्टिक भोजन, मनोरंजन के साधन, योग, प्राणायाम, संगीत इत्यादि के माध्यम से मानसिक संबल भी प्रदान किया गया। 

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