Madhya Pradesh

अपने मूल को न छोड़ें, धर्म और संस्कारों से जुड़े युवा पीढ़ी : विश्वेश्वरी देवी


भोपाल ।
राजधानी में श्रीराम कथा करने आईं साध्वी डॉ विश्वेश्वरी देवी ने गुरुवार को प्रेस से चर्चा की। साध्वी ने बाल्मीकि रामायण पर पीएचडी की है। उन्होंने प्रेस से कई बिंदुओं पर बात करते हुए कहा – हमें हमारी सनातन संस्कृति और राम-कृष्ण के संस्कारों- विचारों को घर-घर तक पहुंचाना चाहिए। आजकल का युवा आधुनिकता की दौड़ में अपने मूल को छोड़, विकारों को अपना रहा है। ये पतन की ले जाएंगे। धर्म-संस्कृति और संस्कारों से जुड़कर ही हम सुरक्षित रह सकते हैं यही राम कथा का उद्देश्य है। हमारी संस्कृति के विपरीत घर-घर में सीरियल और विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं। युवा पीढ़ी का ब्रेनवाश किया जा रहा है। हम बच्चों को बताएं कि उन्हें क्या ग्रहण करना चाहिए और क्या नहीं। हम अपने बच्चों को धर्म- संस्कृति और संस्कारों से जोड़ कर रखें, वरना वह दिन दूर नहीं जो हम शब्दों में भी न बोल सकें। विधर्मियों के अनुचित कृत्यों से सनातन भारत धीरे धीरे पतन की ओर बढ़ रहा है। हमें जागरुक होना पड़ेगा। राम में वह संस्कार थे कि वे अपने पिता की आज्ञा मानकर वनवास गए। हमें अपने बच्चों को बताना चाहिए कि वे राम, कृष्ण और ध्रुव के संस्कारों और विचारों को सीखें और अपने जीवन चरित्र में उतारें। आज स्कूलों में धर्म के विपरीत ज्ञान सिखाया जा रहा है। हम घरों में स्कूल में संस्कृति और संस्कृत से दूर होते जा रहे हैं। हमने व्यासपीठ से भी कहा है कि घर में बच्चों को संस्कृत और संस्कृति का ज्ञान जरूर सिखाएं। क्योंकि बच्चे जैसे ही इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई करने जाते हैं तो वे पूछने लगते हैं कि राम कौन है? कृष्ण कौन है? यानी वे अपनी सनातन संस्कृति को ही भूल जाते हैं। यही नहीं ये संस्थान धर्म और संस्कृति के प्रति हमारे बच्चों को ब्रेनवाश करते हैं। आजकल देखने में आ रहा है कि हमारे समाज की बच्चियां सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीते नजर आती हैं जो एक चिंता का विषय है। यह सनातन की परंपरा नहीं है। भारत भूमि में जन्म लेना बड़े सौभाग्य की बात है, लेकिन हम यहां होकर भी यदि सनातन की रक्षा नहीं कर सके तो यह भारत के पतन का कारण बनेगा। प्रेस वार्ता में संस्कार उत्सव समिति के संयोजक डॉ सुरजीत सिंह चौहान व राकेश शर्मा उपस्थित थे।

तीर्थ क्षेत्रों के विकास की हो रही चर्चा

अब भारत में तीर्थ व धर्म क्षेत्रों के विकास पर काफी काम हो रहा है और इसकी चर्चा है। प्रधानमंत्री जी द्वारा केदारनाथ, काशी विश्वनाथ सहित महाकाल की नगरी उज्जैन के धर्म क्षेत्रों में सुदृढ़ीकरण का काम किया गया है। भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या को बड़े तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा हैं। यह अच्छी बात है। इससे तीर्थों में बड़ी भीड़ होने लगी है। लोगों का भाव और श्रद्धा भी बड़ी है। पर इतना ध्यान रखें कि यह कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है। तीर्थ स्थानों की पवित्रता और मर्यादा का ध्यान रखा जाना चाहिए।

द केरला स्टोरी से सीख लें युवा

हमें हमारे घरों में बेटियों को संस्कार सिखाना चाहिए। विश्वेश्वरी देवी ने हाल ही में रिलीज हुई फ़िल्म द केरला स्टोरी का जिक्र करते हुए कहा कि इससे सीख लेना चाहिए। स्वतंत्रता के नाम पर बच्चियों इतनी छूट न दें कि वे संस्कारों से भटक जाएं। वर्ना कोई विधर्मी कलावा बांध कर आएगा और उन्हें बहला-फुसलाकर ले जाएगा। लव जिहाद का शिकार बनती हैं और उनके टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाते हैं। बच्चों को चाहिए कि वह अपने माता पिता की आज्ञा से विवाह करें। इससे संस्कृति और सनातन की रक्षा होगी। 

मुख्यमंत्री द्वारा बेटियों को किए कार्यों का जिक्र

साध्वी विश्वेश्वरी देवी ने मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री द्वारा बेटियों के लिए किए जा है कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने कहा के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बेटियों के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं। ऐसी कई योजनाएं चल रही हैं जिसमें बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा के साथ उनकी प्रगति के द्वार खुलते हैं। इनका लाभ उठाएं।

भोपालवासियों के संदेश देते हुए साध्वी ने कहा कि हमें विकास चाहिए तो मूल से जुड़े रहें। अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा करते हुए संस्कारों पर चलकर आगे बढ़ें।

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