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अयोध्या के महंत का विवाह पर बयान: हिंदू धर्म में विवाह को माना जन्म-जन्मांतर का रिश्ता

अयोध्या: हनुमानगढ़ी के महंत राजुदास महाराज ने हिंदू धर्म में विवाह के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इसे केवल एक अनुबंध नहीं, बल्कि जन्म-जन्मांतर का रिश्ता माना जाता है। उन्होंने हिंदू धर्म के सभी युवा-युवतियों से अपील की कि वे विवाह को धार्मिक विधि और शास्त्रों के अनुसार अपने माता-पिता की मर्जी से अग्नि को साक्षी मानकर मंत्रोच्चार के बीच संपन्न करें। महंत राजुदास ने सभी परंपराओं का पालन करते हुए जीवनभर एक-दूसरे का सम्मान करने की बात कही।

महंत राजुदास ने स्पष्ट किया कि शादी-ब्याह कोई गुड्डे-गुड्डी का खेल नहीं है। यह एक पवित्र बंधन है जिसे माता-पिता की मर्जी से ही संपन्न करना चाहिए। उन्होंने देश में लोकतंत्र की बात करते हुए कहा कि हर व्यक्ति स्वतंत्र है और अपनी मर्जी से निर्णय ले सकता है। सोनाक्षी सिन्हा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सभी को अपनी पसंद के अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता है, और किसी के प्रति अभद्र टिप्पणी करना हमारे संस्कार नहीं हैं।

महंत राजुदास ने यह भी कहा कि समाज में परिवर्तन खुद से शुरू करें और अगर दूसरों में बदलाव ला सकें तो बेहतर, नहीं तो सबके खुशहाल जीवन की कामना करें। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे अपने संस्कारों का पालन करें और दूसरों का सम्मान करते हुए समाज में सकारात्मकता फैलाएं।

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