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कोलकाता: पूर्व मिस इंडिया यूनिवर्स उशोषी सेनगुप्ता के साथ बाइकर गैंग की गुंडागर्दी

कोलकाता । चार दिन पहले पूर्व मिस इंडिया यूनिवर्स उशोषी सेनगुप्ता के साथ एक भयावह घटना घटी। उशोषी जब अपनी सहकर्मी के साथ JW मेरियट होटल से उबर टैक्सी द्वारा घर लौट रही थीं, तभी रॉंग साइड से आ रहे एक बाइकर गैंग की कुछ बाइक्स टैक्सी से टकरा गईं।

बाइकर गैंग ने टैक्सी को घेर लिया और ड्राइवर को उतारकर मारपीट शुरू कर दी। उशोषी पहले तो चुपचाप रहीं, लेकिन जब ड्राइवर के साथ क्रूरता बढ़ने लगी, तो उन्होंने हस्तक्षेप किया और लड़कों को रोकने की कोशिश की। जब लड़के नहीं माने, तो उन्होंने अपना मोबाइल निकालकर रिकॉर्डिंग शुरू कर दी।

उशोषी ने पास ही में एक पुलिस अधिकारी को देखा और मदद के लिए दौड़ीं, लेकिन अधिकारी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह क्षेत्र उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और उन्हें भवानीपुर पुलिस स्टेशन जाना होगा। उशोषी के बार-बार अनुरोध करने पर पुलिस को बुलाया गया, लेकिन लड़के पुलिस को धकियाते हुए भाग निकले।

इसके बाद, टैक्सी ड्राइवर, उशोषी और उनकी सहकर्मी वहां से चले गए, लेकिन बाइकर गैंग ने उनका पीछा करना जारी रखा। जब वे अपनी सहकर्मी को उनके घर के नीचे उतार रही थीं, तब तीन बाइकों पर छह लड़के आए और उशोषी व उनकी सहकर्मी को कार से खींचकर मारपीट करने लगे। उन्होंने उशोषी का मोबाइल छीनकर तोड़ने की कोशिश की। स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप से उन्हें बचाया गया।

उशोषी और उनकी सहकर्मी चारू मार्केट स्थित पुलिस स्टेशन एफआईआर दर्ज कराने पहुंचीं, लेकिन वहां मौजूद थानाधिकारी ने उन्हें भवानीपुर पुलिस स्टेशन जाने को कहा। काफी मशक्कत के बाद उशोषी की रिपोर्ट दर्ज की गई। उबर ड्राइवर भी अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहता था, लेकिन उसे मना कर दिया गया क्योंकि कानून के अनुसार एक ही घटना के लिए दो एफआईआर नहीं की जा सकती।

उशोषी ने फेसबुक पर पूरी घटना को साझा किया, जिसके बाद मामला वायरल हो गया और कोलकाता पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम हैं: फरीदन खान, शेख साबिर अली, शेख गनी, इमरान अली, शेख वसीम और शेख आतिफ। आरोपियों की उम्र 19 से 25 साल के बीच बताई गई है।

मीडिया ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन उशोषी की पोस्ट वायरल होने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। अदालत ने उन सातों आरोपियों को 1000 रुपये के जुर्माने के साथ रिहा कर दिया। इस घटना ने भारतीय मीडिया और पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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