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187 करोड़ रुपये के घोटाले में सीएम सिद्धारमैया को फंसाने का आरोप, ईडी के दो अधिकारियों पर मामला दर्ज

बेंगलुरु । कर्नाटक में 187 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि इन अधिकारियों ने राज्य सरकार के एक अधिकारी पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और वित्त विभाग को फंसाने के लिए दबाव डाला। कर्नाटक पुलिस ने इस मामले में ईडी के सहायक निदेशक मुरली कन्नन और आईआरएस अधिकारी मित्तल के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

सामाजिक कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कलेश बी की शिकायत पर पुलिस ने यह मामला दर्ज किया। यह घटना कांग्रेस विधायक और पूर्व आदिवासी मामलों के मंत्री बी नागेंद्र को स्थानीय अदालत द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के कुछ ही घंटों बाद हुई है।

पुलिस के अनुसार, मुरली कन्नन और मित्तल ने कलेश बी से तत्कालीन मंत्री बी नागेंद्र और वित्त विभाग के अधिकारियों के नाम बताने को कहा। कलेश ने आरोप लगाया कि दोनों अधिकारियों ने उन्हें धमकाया कि यदि वे नाम नहीं बताएंगे तो उन पर आईपीसी की ऐसी धारा लगाई जाएगी, जिसके तहत दो साल तक जमानत नहीं मिलेगी।

कर्नाटक सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी इस 187 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच कर रहे हैं, जिसमें हैदराबाद की कंपनियों को 88 करोड़ रुपये का अवैध ट्रांसफर शामिल है। कलेश ने बताया कि 16 जुलाई को पूछताछ के दौरान कन्नन ने उनसे 17 सवाल पूछे और फिर मामले में पूर्व मंत्री बी नागेंद्र, सीएम सिद्धारमैया और वित्त विभाग का नाम लेने को कहा।

इसके अतिरिक्त, कलेश ने आरोप लगाया कि मित्तल ने उन्हें धमकाया और कहा कि यदि वे ईडी से मदद चाहते हैं तो उन्हें सीएम, नागेंद्र और वित्त विभाग का नाम लेना होगा। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि वे घोटाले में शामिल नहीं हैं, लेकिन उन्हें बुलाकर धमकाया गया और लिखित में यह स्वीकार करने के लिए कहा गया कि सीएम, पूर्व मंत्री और वित्त विभाग के अधिकारी इसमें शामिल थे।

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