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कंक्रीट के बढ़ते जंगल से गर्म हो रही हैं दिल्ली की रातें

नई दिल्ली । राजधानी में दो दशकों में दिन और रात के तापमान के बीच का अंतर कम हो गया है। दिलचस्प यह कि दिल्ली देहात व शहरी क्षेत्र की रातों के तापमान में बड़ा फर्क है। इसकी वजह दिल्ली की बहुमंजिला इमारतें और घनी बसावट है। बढ़ते कंक्रीट के जंगल ने ये संकट बढ़ाया है। इसके अलावा बेतहाशा बढ़ते वाहनों व एसी ने भी गर्मी बढ़ा दी है। इससे रातें ज्यादा गर्म हो रही हैं। हाल ही में सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) ने 2001 से 2024 की गर्मियों का विस्तृत अध्ययन किया है। इसके मुताबिक, 2001-2010 के बीच दिन व रात के तापमान में औसतन 12.3 डिग्री का अंतर था। 2014 से 2023 यह आंकड़ा 11.2 डिग्री सेल्सियस रह गया। 2023-2024 में यह अंतर और भी कम हो गया। इसे 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस हिसाब से 20 सालों में दिन और रात के तापमान में औसतन 2.5 डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। मसलन, अगर इस बीच दिन का औसत तापमान 40 डिग्री रिकॉर्ड किया गया तो रातें 37.7, 38.8 व 40.2 डिग्री सेल्सियस तक गर्म रहीं। वहीं, 2014 से 2023 के दौरान नमी 8 प्रतिशत तक बढ़ी, तो गर्मी के इंडेक्स में 3.3 प्रतिशत का इजाफा देखा गया। विशेषज्ञों के मुताबिक, गर्म रातें दोपहर के अधिकतम तापमान जितनी ही खतरनाक हैं। यदि रात भर तापमान अधिक रहता है, तो लोगों को दिन की गर्मी से उबरने का बहुत कम मौका मिलता है। शहर का केंद्र जिसमें अधिक निर्मित क्षेत्र और जनसंख्या है, वह बाहरी क्षेत्रों की तुलना में 2.9 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म है। अध्ययन में कहा गया है कि भविष्य में अत्यधिक गर्म रातों से मौत का खतरा लगभग छह गुना तक बढ़ सकता

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