शाकाहारी के लिए राजमा अंडा और चिकन का बेहतरीन विकल्प
भूलकर भी न खाएं कच्चा, पेट में मचेगी तबाही
नई दिल्ली । हेल्थ एक्सपर्टस के अनुसार, शाकाहारी लोगों के लिए राजमा अंडा और चिकन का बेहतरीन विकल्प हो सकता है। राजमा प्लांट बेस्ट प्रोटीन का भंडार माना जा सकता है। अनुमान के मुताबिक 100 ग्राम उबले राजमा में करीब 9 ग्राम प्रोटीन और 6.5 ग्राम फाइबर होता है।
राजमा को शुगर के मरीजों के लिए भी अच्छा माना जाता है।आमतौर पर राजमा को पहले रातभर पानी में भिगोया जाता है और फिर उबालने के बाद सेवन किया जाता है। हालांकि कई बार लोग जल्दबाजी में कच्चा राजमा इस्तेमाल कर लेते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार लाल राजमा को कच्चा खाना सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है और इससे तबीयत बिगड़ सकती है। अब आप सोच रहे होंगे कि भला राजमा इतने पोषक तत्वों से भरपूर है, लेकिन इसके बावजूद कच्चा राजमा सेहत के लिए नुकसानदायक कैसे हो सकता है। वैज्ञानिकों की मानें तो कच्चे राजमा में फाइटोहेमाग्लगुटिनिन नामक टॉक्सिक प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। फाइटोहेमाग्लगुटिनिन प्रोटीन वैसे तो कई बीन्स में पाया जाता है, लेकिन लाल राजमा में इसकी मात्रा सबसे ज्यादा होती है।
ऐसे में अगर आप राजमा को रातभर पानी में नहीं भिगाएंगे और अच्छी तरह उबालकर नहीं खाएंगे, तो इससे फूड पॉइजनिंग, उल्टी, दस्त, पेट फूलना और डाइजेशन की परेशानियां हो सकती हैं। राजमा को 6-7 घंटे तक पानी में भिगोकर रखने से इसमें पाया जाने वाला जहरीला प्रोटीन खत्म हो जाता है। जानकारों की मानें तो कच्चे राजमा को कम से कम 5 घंटे तक पानी में भिगोया जाना चाहिए और कम से कम 10 मिनट तक उबालना चाहिए। इसके बाद ही खाना चाहिए।
प्रोटीन, फाइबर और धीमी गति से रिलीज होने वाले कार्ब्स से भरपूर राजमा डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण साबित हो सकता है। यह कई बीमारियों से बचाने में कारगर साबित हो सकता है। कई रिसर्च में पाया गया है कि राजमा का सेवन करने से कोलन कैंसर का खतरा कम हो सकता है। राजमा में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व और फाइबर होते हैं, जिनमें संभावित एंटी-कैंसर गुण होते हैं। राजमा को चावल के साथ खूब पसंद किया जाता है। राजमा में प्रोटीन, फाइबर, कार्ब्स, विटामिन और मिनरल्स जैसे तमाम पोषक तत्व होते हैं, जिसकी वजह से इसे सबसे पावरफुल सब्जियों में शुमार किया जाता है।