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भारत के आधे लोग आलसी, शारीरिक मेहनत करने में नहीं है रुचि


-एक रिपोर्ट में हुआ खुलासा, कोई मधुमेह तो कोई मोटापे से है परेशान
नई दिल्ली । भारत जहां लोग मेहनत के लिए जाने जाते हैं भारत में कई क्षेत्रों में लोगों ने अपनी मेहनत से बड़े बड़े कामों को अंजाम दिया है। पहाडों को खोद का रास्ता बनाया कहीं पथरीली जमीन खोद पानी निकाला है। वहीं एक रिपोर्ट में सामने आई है। जिसमें भारत के लोगों को शारीरिक श्रम करने में काफी आलसी बताया गया है। एक अध्ययन के मुताबिक 2022 में भारत में करीब 50 फीसदी लोग अपर्याप्त स्तर की शारीरिक श्रम करते हैं। अध्ययन में पाया गया कि भारत में पुरुष 42 फीसदी की तुलना में महिलाएं 57 फीसदी कम शारीरिक काम करती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं में शारीरिक काम करने का अपर्याप्त स्तर पुरुषों की तुलना में औसतन 14 फीसदी ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ समेत शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र वयस्कों के अपर्याप्त रूप से शारीरिक रूप से सक्रिय होने के मामले में उच्च आय वाले एशिया प्रशांत इलाके के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर करीब एक तिहाई लोग 31.3 फीसदी शारीरिक श्रम नहीं करते। ये आंकड़ा 2010 के मुकाबले और बढ़ गया है। तब दुनिया में अपर्याप्त रूप से शारीरिक काम करने वाले 26.4 फीसदी लोग थे, जो अब पांच फीसदी ज्यादा हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि भारत में साल 2000 में 22 फीसदी से थोड़ा ज्यादा वयस्क अपर्याप्त शारीरिक श्रम करने में संलग्न थे, जबकि 2010 में करीब 34 फीसदी वयस्क अपर्याप्त रूप से शारीरिक रूप से सक्रिय थे। उन्होंने अनुमान लगाया कि यदि वर्तमान रुझान जारी रहे, तो 2030 में 60 फीसदी वयस्क अपर्याप्त रूप से शारीरिक श्रम करने वालों में जुड़े हो सकते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023 इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया डायबिटीज के एक अध्ययन में पाया गया है कि 2021 में भारत में 101 मिलियन लोग मधुमेह बीमारी से पीड़ित थे और उसी साल करीब 315 मिलियन लोगों को हाई बीपी था। अध्ययन के मुताबिक इसके अलावा 254 मिलियन लोग मोटापे से ग्रस्त हैं और 185 मिलियन लोगों में एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल से ग्रस्त हैं।

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नई दिल्ली । भारत जहां लोग मेहनत के लिए जाने जाते हैं भारत में कई क्षेत्रों में लोगों ने अपनी मेहनत से बड़े बड़े कामों को अंजाम दिया है। पहाडों को खोद का रास्ता बनाया कहीं पथरीली जमीन खोद पानी निकाला है। वहीं एक रिपोर्ट में सामने आई है। जिसमें भारत के लोगों को शारीरिक श्रम करने में काफी आलसी बताया गया है। एक अध्ययन के मुताबिक 2022 में भारत में करीब 50 फीसदी लोग अपर्याप्त स्तर की शारीरिक श्रम करते हैं। अध्ययन में पाया गया कि भारत में पुरुष 42 फीसदी की तुलना में महिलाएं 57 फीसदी कम शारीरिक काम करती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं में शारीरिक काम करने का अपर्याप्त स्तर पुरुषों की तुलना में औसतन 14 फीसदी ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ समेत शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र वयस्कों के अपर्याप्त रूप से शारीरिक रूप से सक्रिय होने के मामले में उच्च आय वाले एशिया प्रशांत इलाके के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर करीब एक तिहाई लोग 31.3 फीसदी शारीरिक श्रम नहीं करते। ये आंकड़ा 2010 के मुकाबले और बढ़ गया है। तब दुनिया में अपर्याप्त रूप से शारीरिक काम करने वाले 26.4 फीसदी लोग थे, जो अब पांच फीसदी ज्यादा हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि भारत में साल 2000 में 22 फीसदी से थोड़ा ज्यादा वयस्क अपर्याप्त शारीरिक श्रम करने में संलग्न थे, जबकि 2010 में करीब 34 फीसदी वयस्क अपर्याप्त रूप से शारीरिक रूप से सक्रिय थे। उन्होंने अनुमान लगाया कि यदि वर्तमान रुझान जारी रहे, तो 2030 में 60 फीसदी वयस्क अपर्याप्त रूप से शारीरिक श्रम करने वालों में जुड़े हो सकते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023 इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया डायबिटीज के एक अध्ययन में पाया गया है कि 2021 में भारत में 101 मिलियन लोग मधुमेह बीमारी से पीड़ित थे और उसी साल करीब 315 मिलियन लोगों को हाई बीपी था। अध्ययन के मुताबिक इसके अलावा 254 मिलियन लोग मोटापे से ग्रस्त हैं और 185 मिलियन लोगों में एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल से ग्रस्त हैं।

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