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बंदियों की मेहनत की कमाई पर पीड़ितों का आधा हिस्सा

कोरबा । जेल में कैदियों की क्षमता और कुशलता के आधार पर उन्हें काम दिया जाता है। जेल में काम करके कैदी कुछ रुपए भी कमाते हैं। आपको ज्ञात हो कि जेल में कैदियों को काम करने के आधे रुपए दिए जाते हैं। आधा पीडि़त व्यक्ति को दिया जाता है, जिसके साथ अपराधी ने अपराध किया होता है। दोषी कैदियों को जेल के अंदर काम करने के लिए भुगतान मिलता है, जो काम स्वेच्छा से या उनकी सजा का हिस्सा हो सकता है। यह मजदूरी उनके वर्गीकरण के आधार पर तय की जाती है। कुशल और अकुशल दर पर उन्हें भुगतान किया जाता है।
वर्तमान में कुशल कैदियों को 75 रुपए की दर से और अकुशल को 60 रुपए की दर से भुगतान किया जाता है। इसी कड़ी में जिला जेल से बिलासपुर जेल स्थानांतरित किए गए कैदियों द्वारा उनके काम की राशि कोरबा जिला को मिली थी। पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर के साथ बैठक कर कुल 16 पीडि़तों को 2 लाख 16 हजार की राशि का वितरण चेक के माध्यम से किया गया है। जेल मे बंद कैदियों को कपड़ा निर्माण, लौह कार्य और बढ़ईगिरी सहित कई व्यवसायों की ट्रेनिंग दी जाती है। अन्य कौशलों में प्लंबिंग, इलेक्ट्रिक फिटिंग, सिलाई, तैयार कपड़ों का निर्माण, चमड़े का काम, ड्राइविंग, जेल सेवा, कृषि, बागवानी, डेयरी, मुर्गीपालन, फूलों की खेती और बहुत कुछ कार्य शामिल होते हैं।

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