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समंदर के नए सिकंदर राफेल एम की भारत आने की बारी

करीब 50 हजार करोड़ रुपए में होगी डील
नई दिल्ली । भारत की सैन्य ताकत से पहले ही पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ी हुई है। अब समंदर का नया सिकंदर भी दोनों देशों को डराने आ रहा है। जी हां, भारत के बाहुबली लड़ाकू विमान राफेल के बाद अब समंदर के नए सिकंदर राफेल एम की बारी है। भारत को बहुत जल्द राफेल एम फाइटर जेट मिलने वाला है। राफेल जहां भारतीय वायुसेना की ताकत में चार चांद लगा रहा है। वहीं, राफेल एम जेट इंडियन नेवी की ताकत को और बूस्ट करेगा। भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन जेट यानी समुद्री लड़ाकू विमानों के लिए डील होने वाली है। यह डील करीब 50 हजार करोड़ रुपए की होगी। भारत और फ्रांस के बीच राफेल एम फाइटर जेट को लेकर इसी सप्ताह बातचीत होगी।
रिपोर्ट के अनुसार भारत 26 राफेल एम फाइटर जेट की खरीद के लिए आधिकारिक तौर पर फ्रांस के साथ कॉन्ट्रैक्टर नेगोसिएशन शुरू करेगा। फ्रांसीसी सरकार, फाइटर जेट बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट और हथियार प्रणाली इंटीग्रेटर थेल्स सहित अन्य कंपनियों के अधिकारियों की एक टीम 30 मई को भारत पहुंच रही है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने डील के लिए एक अनुबंध वार्ता समिति (सीएनसी) गठित की है। भारत की इसी टीम को फ्रांस की टीम के साथ इस डील पर मोहर लगाना है।
भारत के रक्षा मंत्रालय और नौसेना ने पिछले साल ही फ्रांस को इस डील के लिए अपनी रजामंदी दे दी थी। मझगांव डॉक्स में करीब 30,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले 26 राफेल-एम और तीन एडिशनल स्कॉर्पीन सबमरीन्स के प्रस्तावित सौदों को पिछले साल 13 जुलाई को राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा आवश्यक स्वीकृति प्रदान की गई थी। यह पेरिस में मोदी-मैक्रोन शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले हुई थी। इसके पहले साल 2016 में भारत ने अपनी वायुसेना के लिए 36 राफेल लड़ाकू जेट खरीदने के लिए एक सौदा किया था। फ्रांस से इन सभी राफेल विमानों की डिलीवरी हो चुकी है और भारतीय आसमान में राफेल गरज भी रहा है।
राफेल एम फाइटर जेट समुद्री क्षेत्र में हवाई हमले के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए हैं। इसके मिलने से नेवी की ताकत बढ़ जाएगी। इन राफेल एम फाइटर जेट की तैनाती आईएनएस विक्रांत और विक्रमादित्य पर होगी। राफेल एम को एयरक्राफ्ट कैरियर्स पर लैंडिंग के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इसका विंग फोल्डेबल है, जबकि वायुसेना का राफेल नॉन फोल्डेबल है। इसका भी निर्माण दसॉल्ट एविएशन ने ही किया है। यह सिंगल सीटर फाइटर जेट होगा। यह समंदर की गहराई में भी हमला करने में सक्षम है और टोही मिशनों को भी अंजाम दे सकता है। यह परमाणु हमलों को विफल करने में भी सक्षम है। राफेल एम जेट यह 15.30मी. लंबा, 10.90 मी. चौड़ा, 5.30 मी. ऊंचा है। इसका वजन करीब 10,500 किलो है। यह 9.5 टन तक का बाहरी भार उठा सकता है। राफेल एम विमान की रफ्तार करीब 1389 किमी प्रति घंटे है और यह 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। यह परमाणु क्षमता से लैस फाइटर जेट है।
वहीं राफेल एम एक साथ हवा से जमीन और हवा से हवा दोनों तरह के मिशन को अंजाम दे सकता है। वायुसेना वाले राफेल से तुलना करें तब यह कई मायनों में काफी अलग है। राफेल एम वाहक-पोत आधारित संचालन की चुनौतियों का सामना करने के लिए बनाए गए हैं। इसमें ज्यादा प्रभावी लैंडिंग क्षमता, कैटापल्ट या रैंप लॉन्च और खारे पानी के वातावरण में उड़ान भरना शामिल हैं।

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