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उत्तर प्रदेश: बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी के साथ पुलिस की बदसलूकी, प्रशासन पर उठे सवाल

लखनऊ । हाल ही में खबर आई कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी के साथ रात में बदसलूकी और बदतमीजी की, जब वह अपने परिवार के साथ कार से आ रहे थे। राकेश त्रिपाठी ने अपना परिचय पत्र दिखाने के बावजूद, दरोगा ने कहा कि “तुम्हारी सारी नेतागिरी निकाल देंगे”, जबकि उनकी पत्नी की तबीयत खराब थी।

यह घटना याद दिलाती है कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में, एक मामूली व्यक्ति राशिद अब्बासी को दो सरकारी गनर मिल गए थे, और वह अधिकारियों को धमकाने का काम करता था। योगी सरकार के आने के बाद, वही व्यक्ति ठेले पर भुट्टा बेचता नजर आया।

हालांकि, यह जरूरी नहीं कि योगी सरकार में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरह गुंडागर्दी करने की अनुमति मिलनी चाहिए। लेकिन प्रशासन और पुलिस को उनके साथ आम नागरिकों की तरह बदतमीजी भी नहीं करनी चाहिए।

यूपी में बीजेपी की संभावित हार का एक बड़ा कारण प्रशासन का अनियंत्रित हो जाना है। 20-25 बेलगाम अधिकारियों को बर्खास्त करके नौकरशाही को काबू में लाना होगा।

उत्तर प्रदेश की जनता ही नहीं, बल्कि बीजेपी के कार्यकर्ता और बड़े नेता भी बेलगाम नौकरशाही से परेशान हैं। योगी जी से अपेक्षा है कि वे इस समस्या का समाधान निकालें और प्रशासन को सुधारें ताकि राज्य में शांति और व्यवस्था बनी रहे।

योगी सरकार को चाहिए कि वे प्रशासनिक सुधारों पर ध्यान दें ताकि जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं का विश्वास बना रहे। यूपी में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था ही पार्टी की स्थिरता और सफलता का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।

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