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गुरू और शुक्र के अस्त और उदय के पीछे का विज्ञान: सारिका घारू का विवरण

ग्रहों का अस्त होना: सूर्य की तेज चमक में छिप जाते हैं ग्रह – सारिका

ग्रहों के अस्त और उदय के बारे में बताते हुए नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने जानकारी दी कि सूर्य, शुक्र और गुरू भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। जब ये ग्रह पृथ्वी से देखने पर सूर्य के पास आ जाते हैं, तो सूर्य की तेज चमक के कारण इनकी चमक मंद पड़ जाती है और ये आकाश में दिखाई नहीं देते। इस स्थिति को ग्रहों का ‘अस्त’ होना कहा जाता है। जब ये ग्रह अपनी परिक्रमा में आगे बढ़कर सूर्य के चमक क्षेत्र से बाहर निकलते हैं, तब पुनः आकाश में दिखने लगते हैं, जिसे ग्रहों का ‘उदय’ होना कहते हैं।

गर्मियों में वैवाहिक गतिविधियों में कमी का कारण

सारिका ने बताया कि इस वर्ष मई और जून में सड़कों पर बारात, बैंड बाजे और बाजारों में वैवाहिक खरीदारी कम देखने को मिली। इसका कारण शुक्र और गुरू ग्रह का अस्त होना बताया गया। विभिन्‍न मान्यताओं के अनुसार, जब ये ग्रह अस्त होते हैं, तो शुभ कार्यों को टाल दिया जाता है।

आकाश से गायब नहीं होते अस्त ग्रह

सारिका ने स्पष्ट किया कि कई लोग मानते हैं कि ग्रह अस्त होने पर आकाश से गायब हो जाते हैं या क्षितिज के नीचे छिप जाते हैं, जबकि ऐसा नहीं होता। अस्त ग्रह सूर्य के आसपास ही होते हैं, लेकिन सूर्य की चमक के कारण दिखाई नहीं देते।

इंतजार की घड़ियाँ समाप्त

सारिका ने यह भी बताया कि अब इंतजार की घड़ियाँ समाप्त होने वाली हैं। जल्द ही शुक्र ग्रह सूर्य से दूर होकर शाम के आकाश में दिखाई देने लगेगा। गुरू ग्रह भी सुबह के आकाश में दिखाई देना आरंभ हो चुका है।

ग्रहों के अस्त और उदय के इस वैज्ञानिक पहलू को समझना जरूरी है, जिससे कि हम प्राकृतिक घटनाओं को बेहतर तरीके से समझ सकें।

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