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6 जून को मनेगी शनि जयंती…जान लें पूजा की विधि

नई दिल्ली । हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव और माता छाया के पुत्र शनिदेव का जन्म हुआ था। शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव और माता छाया के पुत्र शनिदेव का जन्म हुआ था। शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। इस विशेष दिन पर शनि की पूरे विधि-विधान से पूजा करने से जीवन से जुड़े सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। शनि देव की कृपा दृष्टि जिस भी व्यक्ति पर रहती है, उसे हर मनचाहे फल की प्राप्ति होती है।
शनि जयंती इस बार 6 जून 2024 को मनेगी। हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है। माना जाता है कि ज्येष्ठ अमावस्या तिथि के दिन ही शनिदेव का जन्म हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि का आरंभ 5 जून 2024 को शाम 7 बजकर 54 मिनट पर होगी, जबकि अमावस्या तिथि समाप्त 6 जून को शाम 6 बजकर 7 मिनट पर होगी।
शनि जयंती पूजा विधि
शनि जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। फिर एक चौकी पर काले रंग का कपड़ा बिछाकर शनिदेव की प्रतिमा स्थापित करें। अब शनिदेव की पंचामृत से अभिषेक करें और उन्हें सरसों का तेल और फूल अर्पित करें। इसके बाद शनिदेव के समक्ष दीपक जलाकर आरती करें। इसके बाद वहां बैठकर शनि मंत्र व शनि चालीसा का जप करें। पूजा के बाद शनि देव को मिठाई या इमरती का भोग लगाएं। अंत में अपनी क्षमतानुसार कुछ वस्तुओं का दान करें।

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