National

ये हैं राजधानी के रेलवे स्टेशन न पानी न पंखा खुले में करो लघुशंका

नई दिल्ली । 45-46 डिग्री तापमान के बीच आपको एक ऐसी जगह इंतजार करने के लिए कहा जाए, जहां न पंखा है, न बैठने के लिए न बैंच और पीने के लिए पानी भी नहीं हैं। छत के नाम पर केवल टीनशेड। ऐसी जगह किसी गांव-कस्बे में नहीं है, देश की राजधानी में है। हम बात कर रहे हैं, दिल्ली के आजादपुर रेलवे स्टेशन की। आदर्श नगर रेलवे स्टेशन और मंगोलपुरी रेलवे स्टेशन पर भी यात्री कमोबेश ऐसी ही स्थितियों से जूझते मिले। बड़ी संख्या में यात्री लू के थपेड़ों के बीच अपनी ट्रेन का इंतजार करते मिले। यात्रियों को गर्मी और लू से बचाने के लिए रेलवे मंत्रालय ने क्या विशेष प्रबंध किए हैं, इसकी पड़ताल के लिए गुरुवार को राजधानी के तीन रेलवे स्टेशन का दौरा किया। दिल्ली आजादपुर रेलवे स्टेशन पर अपने बेटे के साथ जमीन पर बैठे सुभाष चंद्र मिले। अपने गांव सलेहपुर चंदवाड़ा (हाथरस) जाने के लिए आधे घंटे से ट्रेन का इंतजार कर रहे सुभाष चंद्र ने बताया कि वे पिछले 18 साल से दिल्ली से हाथरस आ-जा रहे हैं। उन्होंने रेलवे स्टेशन पर न कभी पंखा देखा और न पानी। टीनशेड जरूर लगाए गए हैं, लेकिन किसी भी जगह बैंच नहीं लगाए हैं। दिल्ली के शकूरपुर में रहने वाले सुभाष चंद्र ने बताया कि इतनी तेज गर्मी में 30 मिनट से ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन एक-एक मिनट गुजारना मुश्किल हो रहा है। पड़ताल में सामने आया कि इस स्टेशन पर पानी की आपूर्ति व स्टोरेज की कोई व्यवस्था ही नहीं है। कपड़े में लिपटा बोरवेल जरूर नजर आया, लेकिन इस बोरवेल का न टंकी से कनेक्शन मिला, न मोटर से। किसी यात्री के लिए हलक तर करने के लिए एक बूंद भी नहीं है। इससे भी अचरज की बात यह है कि पूरे स्टेशन पर कहीं कोई टायलेट नहीं मिला। महिला और पुरुष यात्रियों को खुले में ही टायलेट जाना पड़ता है। आदर्श नगर रेलवे स्टेशन भी लगभग आजादपुर रेलवे स्टेशन जैसा ही हाल मिला। यहां टीनशेड के नीचे पर्याप्त संख्या में बैंच मिले, लेकिन पंखा केवल एक नजर आया। लेकिन, वह भी बंद था। लोगों ने बताया कि इस पंखे का कनेक्शन ट्यूब लाइट से है। शाम होने पर जब ट्यूबलाइट चालू होगी, तभी पंखा चलेगा। पंखे की व्यवस्था नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में यात्री पेड़ की छांव में बैठकर ट्रेन का इंतजार करते दिखे। इस रेलवे स्टेशन पर पानी का इंतजाम तो है, लेकिन पानी के खारेपन की वजह से इसका इस्तेमाल खुद रेलवे कर्मचारी और अधिकारी भी नहीं करते हैं। मंगोलपुरी रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों को गर्मी से बचाव के प्रबंध न के बराबर मिले। इस रेलवे स्टेशन पर टीनशेड और बैठने के लिए बैंच की व्यवस्था तो है, लेकिन पूरे स्टेशन पर यात्रियों के लिए एक भी पंखे का इंतजाम नहीं मिला।इसके अलावा पीने के पानी के नाम पर दो मटके दिखाई दिए। इसके अलावा प्लेटफार्म पर पीने के पानी का बूथ बनाया है, लेकिन वहां नल में पानी नहीं आ रहा है। नल की टोंटी भी टूटी अवस्था में है।

Related Articles