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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में अपनी पार्टी के सदस्य की आलोचना की

**नई दिल्ली:** संसद में अपनी ही पार्टी के सदस्य की आलोचना का मामला गुरुवार को चर्चा में रहा, जब भाजपा सांसद **अभिजीत गंगोपाध्याय** ने असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। गंगोपाध्याय की टिप्पणी पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और उनसे माफी की मांग की। इस बिगड़ती स्थिति को देखते हुए केंद्रीय मंत्री **किरेन रिजिजू** ने भी गंगोपाध्याय की आलोचना की, यह कहते हुए कि उन्होंने सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाया है।

संसद के बजट सत्र के दौरान गंगोपाध्याय आर्थिक विषयों पर बोल रहे थे, जब विपक्षी सदस्यों ने उनके भाषण पर आपत्ति जताई। गंगोपाध्याय ने विपक्षी सदस्यों को ‘विद्वेषपूर्ण’ बताया और उनकी जानकारी की कमी को लेकर आलोचना की। इसी दौरान कांग्रेस सांसद **गौरव गोगोई** ने **‘गोडसे’** को लेकर टिप्पणी की, जिस पर गंगोपाध्याय ने प्रतिक्रिया दी कि ‘मूर्खों की तरह बात मत करो’। इस पर सदन में हंगामा मच गया और विपक्षी सदस्यों ने गंगोपाध्याय के बयान का विरोध किया।

लोकसभा अध्यक्ष **ओम बिरला** ने इस विवादित टिप्पणी को रिकॉर्ड से हटा दिया और कहा कि सभी सदस्यों को सदन की कार्यवाही के अनुसार ही बात करनी चाहिए। बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि संसद की गरिमा को बनाए रखने के लिए सभी को जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए।

इस घटना ने दिखाया कि कैसे संसदीय कार्यवाही के दौरान व्यक्तिगत और राजनीतिक मतभेद कैसे उभर सकते हैं और संसद की गरिमा को बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।

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