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यूपीपीएससी पेपर लीक के तार भोपाल और भाजपा से जुड़े: माकपा

भोपाल। 11 जनवरी 24 को लखनऊ में हुई यूपी पीएससी की समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा के लीक करने वाले सरगना तक जांच दल पहुंच तो गया है, मगर सरगना के राजनीतिक रसूख के कारण उस पर हाथ नहीं डाला जा रहा है और अपराधी पेपर लीक के सबूत मिटाने में लगा हुआ है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि भोपाल जिले की कान्हासैयां जनपद के कान्हासैयां गांव में दस एकड़ परिसर में रुचि प्रिंटर्स के नाम से चल रही प्रैस मे वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र छपा करते थे। जाहिर सी बात है कि इतनी संवेदनशील परीक्षाओं के प्रश्नपत्र पत्र छपने का ठेका बड़े राजनीतिक रसूख और संरक्षण के बिना मिल ही नहीं सकता है। प्रैस के मालिक देवेन्द्र जैन के भाजपा नेताओं और मंत्रियों से रिश्ते जगजाहिर हैं।

माकपा नेता का कहना है कि प्रेस में छपाई का काम इतने गुप्त ढंग से किया जाता था कि कर्मचारियों और श्रमिकों को अंदर मोबाइल तक ले जाने की अनुमति नहीं होती थी, जाहिर सी बात है कि पेपर लीक उच्च स्तर पर होता था जिसमें मालिक देवेंद्र जैन और उच्च स्तरीय गिरोह शामिल है, जबकि अब कुछ कर्मचारियों को आरोपी बनाकर मुख्य अपराधी को बचाने की साजिश हो रही है।

जसविंदर सिंह ने कहा है अब अपराधी देवेन्द्र जैन रुचि प्रिंटर्स फैक्ट्री के अवशेष ही खत्म कर रहे हैं, प्रेस का बोर्ड और कर्मचारियों को हटाकर अब जूस फैक्ट्री का बोर्ड लगा दिया गया है।

माकपा नेता का कहना है कि फैक्ट्री को हटाना और उसके सारे सबूत खत्म करने की साजिश ही यह साबित करती है कि देवेन्द्र जैन पेपर लीक कांड में शामिल है। उसका पकड़ा जाना इसलिए जरूरी है क्योंकि 2017 से रुचि प्रिंटर्स मे छपने और लीक होने वाले प्रश्न पत्रों की पूरी श्रंखला सामने आ सकती है। परीक्षा पत्रों के लीक होने वाले गंदे तलाब की वे सबसे बड़ी मछली हैं, उनके गिरफ्तार होने से पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है।

जसविंदर सिंह ने दोहराया है कि यह शिक्षा के निजीकरण के बाद पैदा हुए शिक्षा माफियाओं का ही परिणाम है जिसे भाजपा नेताओं का राजनीतिक संरक्षण है। माकपा ने देवेंद्र जैन को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है।

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