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सरस्वती विद्या मंदिर पिपलानी में आचार्य प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न

भोपाल  । किशोर शिक्षा समिति गोविन्दपुरा, भोपाल के मार्गदर्शन में चार दिवसीय आचार्य दक्षता प्रशिक्षण वर्ग सरस्वती विद्या मंदिर पिपलानी में आयोजित किया गया। जिसमे तीन विद्यालय सरस्वती विद्यामंदिर पिपलानी, अयोध्यानगर, बागमुगालिया के समिति के पदाधिकारी, प्राचार्य, आचार्य एवं दीदीयों ने भाग लिया। सरस्वती विद्या मंदिर पिपलानी में चार दिवसीय आचार्य दक्षता प्रशिक्षण विद्यालय के प्राचार्य मुकेश कुमार शुक्ला के निर्देशन में सम्पन्न हुआ।
प्रशिक्षण में किशोर शिक्षा समिति के अध्यक्ष सुरेश चन्द्र दुबे, सचिव शरद कुमार झारिया, कोषाध्यक्ष सुर्यकांत द्विवेदी एवं समिति के अन्य पदाधिकारियों ने भी सहभागिता की। समिति के अध्यक्ष सुरेश कुमार दुबे ने आचार्यों से कहा कि हमें बुनियादी ढांचा के अलावा, बच्चों का शतप्रतिशत नामांकन, ठहराव, गुणवत्ता सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। सभी मिलकर जो अच्छा कर सकते हैं विद्यालय के हित में वो कार्य करें। प्रारंभिक स्तर से ही बच्चों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। विद्यालय एवं बच्चों का भविष्य बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रशिक्षण में विद्यालय के सचिव शरद कुमार झारिया ने कहा कि प्राथमिक स्तर पर छात्रों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है बच्चों की नीव मजबूत करना है, विज्ञान विषय में प्रयोग करके एवं गतिविधियों के माध्यम से विषय को रुचिकर बनाना है। उन्होंने सभी शिक्षकों को अपने-अपने विद्यालय की कार्य योजना बनाकर बोर्ड परीक्षा परिणाम में सुधार लाने हेतु प्रयास करना होगा। समिति के कोषाध्यक्ष सुर्यकांत द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक संपन्न होने की शुभकामनाएं दी। विद्या भारती शिक्षण संस्थान भोपाल के प्रशिक्षक राजेंद्र परमार ने नई शिक्षा नीति पर चर्चा एवं शिक्षण कार्य कैसे करे इसके बारे में विस्तार से समझाया। भोपाल के विभाग के विभाग समन्वयक दीपक चंदेवा कक्षा-कक्ष में शिक्षण कार्य कैसे करे जिससे बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति बढ़े विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि हम सभी को करके सीखने का ज्ञान बच्चों को अवश्य देना चाहिए। जिससे बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास हो सके।
पिपपलानी विद्यालय के प्राचार्य मुकेश कुमार शुक्ला ने प्रशिक्षण को संपन्न कराने में विद्यालय समिति के पदाधिकारी, मार्गदर्शक, बाहर से आये हुए प्रशिक्षकगण एवं विद्यालय के आचार्य, दीदीयों ने उपस्थित होकर प्रशिक्षण प्राप्त किया सभी को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया।
तीनों विद्यालय के प्राचार्य मुकेश कुमार शुक्ला, राकेश त्रिपाठी, वैभवी खाण्डेकर एवं पूर्व कार्यवाहक प्राचार्य अवध किशोर चौरिसया, वरिष्ठ व्याख्याता मंजू पाण्डेय, वंदना श्रीवास्तव, व्याख्याता आईपी चन्द्रबली सिंह, सुषमा दुबे, उषा चौरसिया, अजीत सिंह राजपूत एवं आचार्य परिवार प्रशिक्षण में सहभागिता की । प्रशिक्षण में वर्ष भर की कार्ययोजना बनाने पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। प्रशिक्षण में सहभागिता करते हुए आचार्यों ने शैक्षणिक गुणवत्ता संवर्धन केसे हो उपायों पर चर्चा के साथ-साथ सुझाव दिए।

अटल बिहारी वाजपेयी संस्कृत विश्व विद्यालय के प्रोफेसर दाताराम पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृत, हिन्दी एवं अंग्रेजी विषय अत्यंत सरल है केवल आवश्यकता है समझने की, जिन शिक्षकों ने संस्कृत, हिन्दी एवं अंग्रेजी विषय को सरल शब्दों में समझा होगा। वह अवश्य अपने कक्षा-कक्ष में जाकर बच्चों को आसानी से भाषा का अध्ययन करा सकेंगे।

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