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वन विभाग की 8 एकड़ जमीन पर कब्जा, करने लगे व्यवसाय

भोपाल: राजधानी से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर हुजूर तहसील के ग्राम झिरनिया में करीब 8 एकड़ वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है। यह जमीन राजस्व और वन विभाग की है, जिस पर गांव के ही राजमल मीना, संतोष और बबलू मीना ने कब्जा कर भेसों की डेरी स्थापित कर दी है।

यह गांव वन विभाग के समर्धा रेंज में आता है, जहां अतिक्रमण की गई जमीन से सटा हुआ गांव का शमशान घाट है। गांव वालों के अनुसार, जब वे अंतिम संस्कार के लिए जाते हैं, तो उक्त दबंग लोग विवाद करते हैं। करोड़ों रुपए की कीमती जमीन पर कब्जा जमा लिया गया है।

22 जुलाई 2019 को कमिश्नर भोपाल को शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। गांव मुगालिया हाट के रहवासी भंवर जी राठौर की शिकायत में बताया गया कि पुराने खसरा क्रमांक 69/2 और 103/51/2 को नक्शे में काट-छांट कर खसरा क्रमांक 191 बना दिया गया। इस धोखाधड़ी से सरकार को न केवल हानि पहुंची, बल्कि करोड़ों की जमीन पर कब्जा भी कर लिया गया। हालांकि, केवल उपयुक्त राजस्व संजू कुमारी ने जांच हेतु अधिकारियों को लिखा, पर पांच साल बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।

ग्रामीण राजेश सिसोदिया और राजू सोनी ने कहा कि उक्त जमीन से तत्काल अतिक्रमण हटवाया जाए ताकि ग्रामीणों के मवेशी जंगल में चर सकें। वर्तमान में गांव में कोई जमीन नहीं बची है जिस पर मवेशी चर सकें। खसरा क्रमांक 190, रकबा 1.070, जो कि ओमप्रकाश जी रावत (पिता रघुवीर प्रसाद जी, भोपाल) की भूमि है, पर भी यशोदा बाई (पत्नी स्वर्गीय बालकिशन जी मीना, पुत्र राजमल मीना) द्वारा कब्जा किया गया है।

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