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संवाद सबसे बड़ा गुरु है: प्रो. संजीव शर्मा

भोपाल: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित विशेष व्याख्यान में प्रो. संजीव शर्मा ने संवाद को सबसे बड़ा गुरु बताया। उन्होंने कहा कि कक्षा के बाहर शिष्य के साथ किया गया संवाद भी शिक्षा देता है। शिक्षकों के आचरण से विद्यार्थी सीखते हैं, इसलिए शिक्षकों को हर क्षण अपने आचरण पर ध्यान देना चाहिए। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के पूर्व कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने इन विचारों को व्यक्त किया।

### स्थापना दिवस की घोषणा

कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने घोषणा की कि इस वर्ष से माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस 16 अगस्त को मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एक लंबी यात्रा तय कर चुका है और इस अवसर को भव्यता से मनाया जाएगा।

### नई शिक्षा नीति में गुरु की भूमिका

‘नई शिक्षा नीति में गुरु की भूमिका’ विषय पर मुख्य अतिथि प्रो. संजीव शर्मा ने कहा कि जिसे पहले एक्स्ट्रा करिकुलम कहा जाता था, वह अब विद्यार्थी के व्यक्तित्व विकास का अभिन्न अंग बन चुका है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने इस ‘एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटी’ को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाकर एक सार्थक पहल की है।

### गुरु का महत्व

प्रो. संजीव शर्मा ने भारतीय परंपरा में गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरु का अर्थ है, जो हमें हमारे वर्तमान से अधिक बनाता है। गुरु का अर्थ है, भारी, बड़ा और देने वाला। हमारे समाज में गुरु का सम्मान ईश्वर के समान है। उन्होंने आदिगुरु शंकराचार्य और मंडन मिश्र के उदाहरण से गुरु की महानता को स्पष्ट किया।

### आधुनिक शिक्षा प्रणाली और गुरुकुल

प्रो. संजीव शर्मा ने कहा कि जब आधुनिक विश्वविद्यालय नहीं थे, तब भी भारत में गुरुकुल संचालित होते थे, जहां शिष्य सभी प्रकार की शिक्षा और कौशल सीखते थे। उन्होंने महाभारत से शंख और लिखित की कहानी सुनाकर व्यवस्था, दायित्व और अनुशासन का बोध कराया।

### राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गुरु का महत्व

कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय ने मध्यप्रदेश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षा में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका है। शिक्षकों को बदलाव को स्वीकार कर नई तकनीक को सीखना चाहिए और शोध की दिशा में भी योगदान देना चाहिए।

### ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन

दतिया परिसर के प्रभारी डॉ. कपिल चंदौरिया ने जानकारी दी कि दतिया परिसर में 23-24 अगस्त को ‘डिजिटल मीडिया: अ रोडमैप टू विकसित भारत 2047’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। सेमिनार के लिए शोध पत्र भेजने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है।

इस विशेष व्याख्यान का संचालन विश्वविद्यालय की भारतीय ज्ञान परंपरा समिति के सदस्य एवं प्राध्यापक शिवकुमार विवेक ने किया और आभार ज्ञापन प्रो. संजय द्विवेदी ने किया।

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