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हिंदी भाषा, अनुवाद और प्रौद्योगिकी में कैरियर की अपार संभावनाएं: प्रो. के. जी. सुरेश

भोपाल: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के. जी. सुरेश ने हिंदी भाषा, अनुवाद और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए सुनहरे अवसर की बात कही है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली और पढ़ी जाने वाली भाषाओं में से एक है। विश्व के कई देशों के साथ ही देश के कई सरकारी और निजी संस्थानों में भी हिंदी भाषा, अनुवाद और प्रौद्योगिकी की बहुत मांग है।


प्रो. सुरेश ने बताया कि इन्हीं आवश्यकताओं को देखते हुए विश्वविद्यालय में भारतीय भाषा विभाग की स्थापना की गई है। यह विभाग विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में सुनहरा भविष्य बनाने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा की स्वीकार्यता को बढ़ाने के लिए इसका रोजगारपरक होना अति आवश्यक है, और इसी दृष्टि से यह विशेष पाठ्यक्रम प्रस्तुत किया गया है। जल्द ही भारतीय भाषा विभाग के अंतर्गत एक भाषा प्रयोगशाला भी स्थापित की जाएगी, जिसमें उच्चारण और वर्तनी पर विशेष जोर दिया जाएगा।

भारतीय भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने कहा कि प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और वेब मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी हिंदी का प्रयोग लगातार बढ़ता और लोकप्रिय होता जा रहा है। माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियाँ प्रौद्योगिकी के माध्यम से हिंदी भाषा का उपयोग कर अपनी पहुंच बढ़ा रही हैं। ऐसी स्थिति में हिंदी भाषा, अनुवाद और प्रौद्योगिकी के प्रयोग में निपुणता और कुशलता हासिल करने वाले युवाओं को करियर के असीम अवसर प्राप्त हो सकते हैं।


डॉ. तिवारी ने बताया कि बी.ए. हिंदी भाषा, प्रौद्योगिकी और अनुवाद का यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों में आवश्यक कौशल विकसित करने के लिए बनाया गया है। इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद विद्यार्थी वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर ट्रांसलेटर, राजभाषा अधिकारी, हिंदी पत्रकार, क्रिएटिव राइटर, एंकर, रेडियो जॉकी और हिंदी के प्रोफेसर या शोधकर्ता के रूप में स्थापित हो सकते हैं। साथ ही, वे विभिन्न प्रकार की सामग्री का अनुवाद करने का कौशल हासिल कर सकते हैं।


विद्यार्थी अंग्रेजी हिंदी लैंग्वेज एवं इनफार्मेशन कम्युनिकेशन और लैंग्वेज टेक्नोलॉजी को समझ पाएंगे, ट्रांसलेशन ओरिएंटेड एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग सीख पाएंगे, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीनी अनुवाद के द्वारा कंटेंट क्रिएट कर पाएंगे।


इस नए पाठ्यक्रम और विभाग के माध्यम से, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को हिंदी भाषा, अनुवाद और प्रौद्योगिकी में एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करने के लिए प्रेरित कर रहा है।

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