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हिंदी भवन में ‘प्रोजेक्टर’ का लोकार्पण

मानव के महामानव बनने का प्रस्थान बिंदु है चंपारण आंदोलन

महात्मा गांधी: एक विचार’ विषय पर हुआ पहला पावर पाइंट प्रेजेंटेशन

भोपाल। हिंदी भवन में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी अब प्रोजेक्टर के माध्यम से भी प्रस्तुत की जा सकेगी। लंबे समय से इसकी कमी महसूस की जा रही थी। रविवार, 30 जून को यह कमी पूरी हो गई। प्रसिद्ध समाजसेवी एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एनडी गार्गव के सौजन्य से महादेवी वर्मा कक्ष में नया स्थापित प्रोजेक्टर का विधिवत लोकार्पण किया गया।

पहला पावर पाइंट प्रेजेंटेशन

लोकार्पण के बाद पहला पावर पाइंट प्रेजेंटेशन भी डॉ. गार्गव ने ही प्रस्तुत किया। उन्होंने ‘महात्मा गांधी: एक विचार’ शीर्षक प्रस्तुति दी। विषय पर विचार रखते हुए डॉ. गार्गव ने महात्मा गांधी द्वारा किए गए चंपारण सत्याग्रह की सचित्र जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गांधी जी का चंपारण सत्याग्रह ही वह आंदोलन था जिसने ’15 अगस्त’ की नींव रखी। यही वह आंदोलन था जहां से एक मानव के महामानव बनने की यात्रा शुरू होती है। नील की खेती करने वाले किसानों के लिए जो आंदोलन हुआ, उसमें पहली बार गोरी सरकार को झुकना पड़ा था।

विशेष जानकारी

करीब आधे घंटे के प्रस्तुतिकरण में डॉ. गार्गव ने बापू से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। इसके पूर्व, मप्र राष्ट्रभाषा के सहमंत्री डॉ. संजय सक्सेना ने संचालन के साथ ही डॉ. गार्गव का परिचय दिया। सरस्वती वंदना भी प्रोजेक्टर के माध्यम से ही प्रस्तुत की गई।

सम्मान और अभिनंदन

इस अवसर पर मप्र राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के मंत्री संचालक कैलाशचंद्र पंत को संस्कृति विभाग के प्रतिष्ठित सम्मान ‘राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान वर्ष-2022’ प्राप्त होने पर उनका अभिनंदन भी किया गया। कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्धजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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