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इंदौर: चंद्रयान-2 की विफलता के बाद नए उत्कृष्ट परिणामों की उम्मीदें

इंदौर । चंद्रयान मिशन 2 के विफलता के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से मुझे गले लगाया था, जिसे वह बहुत भावुक पल बताते हैं। उन्होंने आंसू पोंछे और सांत्वना दी, जिससे मुझे शक्ति और प्रेरणा मिली कि जल्द से जल्द काम पर लगूं। इसके बाद हम तुरंत काम पर लौटे।

*चंद्रयान-3: एक नया प्रयास

23 अगस्त 2023 को, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सफलतापूर्वक चंद्रयान-3 को चांद पर पहुंचाया। अब भारत का लक्ष्य है कि 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करके 2040 में मानव को चांद पर भेजना है।

इंदौर और इसरो के साथ साझेदारी

इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने आईआईटी इंदौर के दीक्षांत समारोह में कहा कि अब चंद्रयान-4 की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। चंद्रयान-4 चांद की सतह पर पड़े पत्थर और मिट्टी को पृथ्वी पर लाने के लिए काम करेगा, जिससे चांद की सतह की अध्ययन किया जा सके। आईआईटी इंदौर और इसरो के बीच भी कई लाइव प्रोजेक्ट्स पर साथ मिलकर काम हो रहा है।

आईआईटी इंदौर का योगदान

इस दीक्षांत समारोह में 673 स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गई, जिसमें 84 स्टूडेंट्स को आईआईटी और आईआईएम द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए एमएस डीएसएम प्रोग्राम से डिग्री मिली। इसी अवसर पर 14 गोल्ड और सिल्वर मेडल भी दिए गए।

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