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मध्यप्रदेश पुलिस तत्पर: नए न्याय केंद्रित कानूनों के लिए व्यापक प्रशिक्षण

भोपाल । 1 जुलाई से देशभर में तीन नए न्याय केंद्रित कानून, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने जा रहे हैं। स्वतंत्रता के बाद पहली बार इन कानूनों को दंड नहीं बल्कि न्याय केंद्रित बनाया गया है। पीड़ितों को सुलभ और त्वरित न्याय दिलाने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस ने 6 महीने की कड़ी मेहनत के बाद 60,000 से अधिक पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है।

प्रशिक्षण शाखा का संगठित प्रयास

मध्यप्रदेश पुलिस की प्रशिक्षण शाखा ने 302 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया। इन मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ जिलों में आरक्षक से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक को योजनाबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया गया।

सेमिनार और मॉक टेस्ट के माध्यम से प्रशिक्षण

पुराने कानूनों के आधार पर विवेचना करते आए अधिकारियों और कर्मचारियों को नए कानूनों से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण शालाओं, सेमिनारों और कार्यशालाओं का आयोजन जोन से लेकर थाना/चौकी स्तर तक किया गया। जिलों में एफएक्यू और मॉक टेस्ट के आयोजन से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही, पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से प्रश्न-पत्र हल कराए गए। इसके अलावा थानों में समूह चर्चा के माध्यम से भी कानूनों की जानकारी प्राप्त की गई।

विवेचकों को विशेष प्रशिक्षण

पीड़ितों को सुलभता से न्याय प्रदान करने के लिए घटना की विवेचना में कोई रुकावट न आए, इसके लिए मध्यप्रदेश पुलिस ने 31,000 से अधिक विवेचकों को प्रशिक्षित किया। इसके अलावा सभी जिलों में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) का संचालन करने वाले पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित किया गया कि वे दैनिक रिपोर्ट सीसीटीएनएस में कैसे दर्ज करें।

जनजागरूकता के प्रयास

नागरिकों को नए कानूनों की जानकारी देने के लिए सभी थानों में पैम्फलेट, बैनर आदि लगाए गए हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एनिमेशन वीडियो और शॉर्ट फिल्म अपलोड की गई हैं।

आगामी प्रशिक्षण योजनाएं

मध्यप्रदेश पुलिस की प्रशिक्षण शाखा द्वारा भौंरी, भोपाल स्थित मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी, पुलिस मुख्यालय, भोपाल एवं इंदौर पुलिस कमिश्नरेट, पीटीआरआई, पुलिस आईटीआई, पुलिस प्रशिक्षण शालाओं, जिला पुलिस मुख्यालयों और थानों में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। आगामी समय में हर महीने पुलिस की अन्य इकाइयों को भी योजनाबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा।

मध्यप्रदेश पुलिस के यह प्रयास दर्शाते हैं कि वे नए कानूनों को बेहतर ढंग से लागू करने और न्याय प्रणाली को सुधारने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

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