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म.प्र. शिक्षा मंत्री इस्तीफा दें या स्कूलों में सुविधाएं प्रदान करें

भोपाल । बच्चे बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष पुखराज भटेले ने मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि भाजपा के शासनकाल में पिछले 10 वर्षों में स्कूली शिक्षा पर 1.50 से 2 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसके बावजूद सरकारी स्कूलों में 39 लाख बच्चों की संख्या कम हो गई है।

शिक्षा बजट और स्कूलों की स्थिति

2022-23 में स्कूली शिक्षा के लिए 27 हजार करोड़ रुपये का बजट प्रावधान था, लेकिन इसके बावजूद पिछले 10 वर्षों में 30 हजार से अधिक सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि भाजपा प्रदेश में किसान, आदिवासी, दलित, ओबीसी और गरीब लोगों के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती है, क्योंकि सरकारी स्कूलों में इन वर्गों के बच्चे सबसे ज्यादा पढ़ाई करते हैं।

शिक्षकों की कमी और प्रशासनिक समस्याएं

भटेले ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। कई स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक होता है, जिसे अन्य सरकारी कार्यों में लगा दिया जाता है, जिससे वह स्कूल में पढ़ा नहीं पाता। कई शिक्षक, जिनकी ड्यूटी ग्रामीण स्कूलों में होती है, वे जुगाड़ लगाकर शहरी स्कूलों में अपनी ड्यूटी लगवा लेते हैं, जहां उनकी जरूरत नहीं होती।

बुनियादी सुविधाओं की कमी

सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए मूलभूत सुविधाओं की कमी है। लाइट, पंखा, साफ पीने का पानी, टेबल-कुर्सी, टॉयलेट, खेल मैदान और शिक्षा सामग्री जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।

शिक्षा मंत्री से निवेदन

बच्चे बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष पुखराज भटेले ने मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह से निवेदन किया है कि वे सरकारी स्कूलों की शिक्षा पर ध्यान दें और आवश्यक सुविधाएं प्रदान करें।

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