गांव-गांव में बेची जा रही पुराने ठेकेदार की सस्ती अवैध शराब
शासन की पगार लेने वाले जिम्मेदाराें की मौन स्वीकृति
टीकमगढ़ । शहर में भले ही अवैध शराब की िबक्री पर पुलिस एवं आबकारी विभाग पाबंदी लगाए बैठा है पर जिले के ग्रामीण अंचलों सहित आसपास की तहसीलाें स्तर पर अवैध शराब सहित अन्य मादक पदार्थों की बिक्री भली भांति संचालित है।
गौरतलब है कि 31 मार्च के पूर्व शासकीय शराब दुकानों की टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हुई थी जिसमें जिस ठेकेदार को इस वर्ष दुकानों का ठेका नहीं मिला था उसने 1 अप्रैल के पूर्व अपनी-अपनी दुकानों पर शराब के दामों में भारी गिरावट करते हुए ग्रामीण अंचलों में शराब की सप्लाई बड़े स्तर से कर दी थी। यही कारण है कि आज चाहे वह शासकीय ठेकेदार हो या पुलिस के अलावा आबकारी विभाग हो वह अवैध शराब पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। शराब के शौकीन लोग सस्ते के चक्कर में अवैध रूप से बिक रही मिलावटी शराब का सेवन कर रहे हैें।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिले के ललितपुर मार्ग पर स्थित गनेशगंज ग्राम से लेकर जिले की सीमा खिरिया नाका ग्राम तक लगभग आधा सैकड़ा स्थानों पर अवैध शराब की बिक्री खुलेआम हो रही है। जिसमें सूत्रों के बताए अनुसार उक्त स्थानों पर बिकने वाली अवैध शराब की ओर खिरिया पुलिस चौकी सहित संबंधित विभाग ने मौन स्वीकृति दे रखी है। सूत्र तो यह भी बताते है कि खिरिया पुलिस चौकी में पदस्थ एक नामचीन पुलिस कर्मी का कुछ सजातीय बंधुओं को खुला संरक्षण प्राप्त है जो इस अवैध गोरखधंधे में संलग्न है। जब इस संबंध में खिरिया चौकी प्रभारी वीरेन्द्र परस्ते से 30 मई की दोपहर 12.30 बजे के आसपास उनके मोबाइल नंबर 8319032761 पर संपर्क किया गया मगर उनका मोबाइल रिसीव न होने के कारण इस बारे में उनकी कोई प्रतिक्रया प्राप्त नहीं हो पाई।
प्रधान आरक्षक बने सजातीय लोगों के हितैषी : सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कोतवाली अंतर्गत आने वाली उत्तर प्रदेश सीमा से लगी हुई खिरिया नाका पुलिस चौकी में पदस्थ एक चर्चित प्रधान आरक्षक जो स्वयं संपूर्ण पुलिस चौकी का संचालन करते दिखाई देते हैं वह इस क्षेत्र के सजातीय लोगों पर वर्तमान में खासे मेहरबान है। जो लोग उनकी समाज से नाता रखते हैं उनके यहां प्रधान आरक्षक महोदय का आना-जाना उनसे संबंधित शिकायतों का निपटारा सजातीय बंधुओं के हिसाब से किया जाता है। सूत्र यह भी बताते हैं कि कोई भी पीड़ित व्यक्ित अगर खिरिया पुलिस चौकी में अपनी पीड़ा सुनाने जाता है तो उसे सबसे पहले प्रधान आरक्षक महोदय से मिलना पड़ता है तब कहीं जाकर राधे-राधे करने के बाद उसके आवेदन पर विचार विमर्श करने के लिए सोच विचार किया जाता है। शिकायती आवेदन पर पावती प्रधान आरक्षक की अनुशंसा पर ही दी जाती है। सूत्रों ने बताया कि खिरिया चौकी प्रभारी कौन हैं इसकी जानकारी नहीं है मगर जिले में गाहे ब्याहे जीजाजी को कौन नहीं जानता क्याेंकि उनकी कार्यप्रणाली निष्पक्ष्ा दिखाई देती है। वह हमेशा पुलिस का रूतबा दिखाने में जहां पीछे नहीं हटते हैं वहीं सजातीय बंधुओं को कोई कष्ट न हो ऐसी व्यवस्था भी वह पहले से सोच के रखते हैं।
यादव ढाबा से हो रही शराब िबक्री : ललितपुर मार्ग पर स्थित टोल प्लाजा के ठीक आगे एवं खिरिया पुलिस चौकी के पहले एक ढाबा यादव ढाबा नाम से संचालित है जो कई वर्षोँ से अपनी सेवाएं ग्राहकों को दे रहा है। उक्त ढाबे का संचालन चूंकि लंबे समय से हो रहा है जिसकी सारी गतिविधियां खिरिया पुलिस चौकी के अलावा जिला मुख्यालय तक गूंजती रहती है इस वजह से खिरिया पुलिस चौकी में पदस्थ मलाईदार शाखा की जिम्मेदारी संभालने वाले प्रधान आरक्षक उक्त ढाबा के अपने सजातीय बंधु को अपना पूर्ण संरक्षण दिए हुए हैं। जिसके चलते यादव ढाबा पर सुबह से लेकर देर रात तक जहां अवैध रूप से शराब की िबक्री होती रहती है वहीं शौकीन लोग ढाबा पर बैठ कर अपने शौक फरमाते हुए नजर आते हैं। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी खिरिया पुलिस चौकी प्रभारी को न हो मगर वह चाहते हुए भी उक्त प्रधान आरक्षक के हस्तक्षेप के कारण इस मामले में हाथ डालने से कतराते हुए दिखाई देते हैं।
क्या कहते हैं वरिष्ठ : खिरिया पुलिस चौकी अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में तत्काल विशेष पुलिस बल को भेज कर उक्त स्थानों का निरीक्षण करवाया जाएगा, अगर अवैध शराब की बिक्री करते हुए कोई व्यक्ित पाया जाता है तो उसके विरूद्ध उसके विरूद्ध तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की जाएगी। – राहुल कटरे, एसडीओपी, टीकमगढ़