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वैशाली नदी का अस्तित्व बचाने चलेगा जीर्णांद्धार अभियान


संतों के सानिध्य में होगा जनअभियान का आगाज
समाज के हर तबके के लोगों की होगी भागीदारी

ग्वालियर। वैशाली नदी करे पुकार… गंदगी और अतिक्रमण मुक्त कर, करो मेरा उद्धार… मुरार की वैशाली नदी की इस करुण पुकार के परिणाम स्वरूप भावी पीढ़ी के लिए बेहतर जीवन और नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए जीर्णोंद्धार अभियान चलाया जाएगा। संत समाज के सानिध्य में इस अभियान का आगाज होगा। जिसमें समाज के हर तबके के लोगों की भागीदारी होगी।
वैशाली नदी ( मुरार नदी) जीर्णोंद्धार अभियान के सूत्रधार डॉ. केशव पाण्डेय ने बताया कि मुरार क्षेत्र की जीवन दायनी वैशाली नदी आज गंदा नाला बनकर रह गई है। जहां कभी स्वच्छ जल की अविरल धारा बहा करती थी। लगातार बढ़ते अतिक्रमण और फैलती गंदगी के कारण नदी का अस्तित्व खतरे में है। इसके चलते मुरार क्षेत्र का भू-जल स्तर भी तेजी से नीचे गिरता जा रहा है। जो कि भविष्य के लिए गंभीर जल संकट पैदा कर सकता है। नदी का न होना पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में भावी पीढ़ी के भविष्य को देखते हुए जल और पर्यावरण संरक्षण के खातिर नदी के जीर्णेद्धार का जन अभियान चलेगा।
अभियान को मूर्तरूप देने और कार्य योजना तैयार करने के लिए 29 जून शनिवार को दोपहर तीन बजे गोयल वाटिका हुरावली पर विशाल बैठक का आयोजन किया गया है। जल संरक्षण और नदी के पुराने वैभव को लौटाने के अभियान के इस महायज्ञ में समाज सेवी, स्वयं सेवी संगठन, राजनीतिक दल, व्यक्तिगत रूप से अपनी उपस्थिती रूपी आहुति देकर सहयोग करें।

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