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हनुमना आरटीओ चेक पोस्ट में सिख ट्रक मालिक की पिटाई, अवैध वसूली और प्रशासनिक अनदेखी का मामला

हनुमना: हनुमना आरटीओ चेक पोस्ट एक बार फिर से अवैध वसूली और गुंडागर्दी के कारण चर्चा में है। ताजा मामले में, एक सिख ट्रक मालिक इन्वित सिंह की पगड़ी उतारकर उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। यह घटना उस समय हुई जब चार दिनों से खड़े ट्रक की अवैध एंट्री वसूली के लिए 50,000 रुपये की मांग की गई और ट्रक मालिक ने इसका विरोध किया।

घटना का विवरण

हनुमना आरटीओ चेक पोस्ट पर गुंडागर्दी का यह मामला तब शुरू हुआ जब सिख ट्रक मालिक इन्वित सिंह ने अपने ट्रक के दस्तावेज दिखाते हुए 50,000 रुपये की अवैध एंट्री देने से मना कर दिया। आरटीओ अधिकारियों द्वारा रखे गए कथित गुंडों ने सिर्फ रसीद मांगने पर इन्वित सिंह की पगड़ी उतार दी और 10-15 गुंडों ने उसे बुरी तरह पीटा। इस दौरान सिख समाज और उनके धार्मिक प्रतीकों का अपमान भी किया गया।

प्रशासनिक अनदेखी

नवगठित मऊगंज जिले में इस तरह की घटनाएं आम हो गई हैं। प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण के कारण आरटीओ के गुंडे खुलेआम अवैध वसूली और मारपीट करते हैं। पीड़ित ट्रक मालिक जब हनुमना थाने पहुंचे, तो उनकी शिकायत मात्र धारा 155 के तहत दर्ज की गई।

पूर्व घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब हनुमना आरटीओ चेक पोस्ट पर इस तरह की घटनाएं हुई हैं। प्रभारी रवि मिश्रा के नेतृत्व में पहले भी कई मामलों में मारपीट और अवैध वसूली की घटनाएं सामने आई हैं। पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष संगम लाल सोनी और पत्रकार सरोज गुप्ता भी इस गुंडागर्दी के शिकार हो चुके हैं।

अवैध वसूली की व्यापकता

आरटीओ चेक पोस्ट पर अवैध वसूली एक आम बात हो गई है। ट्रक चालकों और मालिकों से हर ट्रिप पर अवैध एंट्री वसूली जाती है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के ड्रमंडगंज के मोटर मालिक पप्पू केसरी और चालक राज नारायण यादव के साथ भी इसी तरह की घटना हुई थी।

जन आक्रोश और मांग

इस घटना के बाद से सिख समुदाय में गहरा आक्रोश है। लोगों ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और हनुमना आरटीओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

हनुमना आरटीओ चेक पोस्ट पर चल रही अवैध वसूली और गुंडागर्दी को रोकने के लिए प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। इससे न केवल ट्रक चालकों और मालिकों को राहत मिलेगी, बल्कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे को भी साकार किया जा सकेगा।

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