केंद्रीय बजट दिशाहीन: सरकारी कार्यालयों में निजीकरण बढ़ाएगा बजट
भोपाल । 23 जुलाई 2024 को पारित किया गया केंद्रीय बजट दिशाहीन है। प्रदेश के कर्मचारियों को इस बजट से कई आशाएं थीं, लेकिन केंद्र सरकार ने उनकी आठवां वेतन आयोग के गठन, पुरानी पेंशन योजना का लाभ, और टैक्स में 10 लाख तक की छूट जैसी मांगों को शामिल नहीं किया है। इससे कर्मचारियों को निराशा हुई है।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इस बजट में कर्मचारियों को किसी प्रकार का आर्थिक लाभ नहीं दिया गया है। पेंशनरों और मजदूरों को भी किसी प्रकार का लाभ नहीं मिला है।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें:
आठवां वेतन आयोग का गठन : नई पेंशन योजना (एनपीएस) को वापस लेकर पुरानी पेंशन योजना लागू करने या गारंटी पेंशन सिस्टम (जीपीएस) लागू करने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
लैब टैक्स में छूट: कर्मचारियों को टैक्स में छूट भी कम दी गई है।
अशोक पांडे का बयान:
अशोक पांडे ने बताया कि केंद्र सरकार का वर्तमान बजट कर्मचारियों के हितों को नज़रअंदाज़ करता है। इसमें किसी भी प्रकार का आर्थिक लाभ नहीं दिया गया है। पेंशनरों और मजदूरों को भी इस बजट से कोई फायदा नहीं हुआ है।
इस बजट के पारित होने के बाद सरकारी कार्यालयों में निजीकरण बढ़ने की संभावना है, जो कर्मचारियों के हित में नहीं है।